नई दिल्ली: बीएसपी प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में खनन से जुड़े एक मामले में सीबीआई की जांच के दायरे में एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी शामिल किए जाने को लेकर लगायी जा रही अटकलों को बीजेपी का चुनावी हथकंडा बताते हुये सोमवार कहा कि एसपी प्रमुख को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है.


मायावती की ओर से जारी बयान के अनुसार मायावती ने अखिलेश से टेलीफोन पर बात कर कहा," बीजेपी द्वारा इस तरह की घिनौनी राजनीति और इनका चुनावी षडयंत्र कोई नयी बात नहीं है, बल्कि यह उनका पुराना हथकंडा है. इसे देश की जनता अच्छी तरह से समझती है."


उन्होंने कहा,"बीएसपी आंदोलन भी इसका भुक्तभोगी रहा है. इससे घबराने की बात नहीं बल्कि इसका डटकर मुकाबला करके इनके इस षडयंत्र को विफल करने की जरूरत है."


इस दौरान संसद भवन परिसर में बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा और एसपी के रामगोपाल यादव ने संवाददाताओं को बताया कि उच्च सदन में इस मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर चर्चा कराने की मांग की गयी लेकिन इसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया.


बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा,"भूमाफिया मामले में अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी है. उस अधिकारी ने सरकार द्वारा बनाये गये कानून का आवंटन प्रक्रिया में उल्लंघन किया है, तो इसके लिये तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कैसे जिम्मेदार हो गये? उनके (बीजेपी) सहयोगी उनका साथ छोड़ रहे हैं तथा उनका गठबंधन सीबीआई के साथ हो रहा है."


उनके साथ ही मौजूद सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा,"यदि उत्तर प्रदेश का कोई मंत्री दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन करता है और सीबीआई जांच के लिये कहता है तो इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? यह उन पर उल्टा पड़ने जा रहा है. बीजेपी को उत्तर प्रदेश में पैर रखने की भी जगह नहीं मिलेगी. प्रधानमंत्री को वाराणसी छोड़ना पड़ेगा और कहीं और से चुनाव लड़ना पड़ेगा."


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में खनन से जुड़े एक लंबित मामले में सीबीआई जांच के दायरे में कथित तौर पर अखिलेश सहित अन्य नेताओं के आने की अटकलों के बीच सोमवार को एसपी और बीएसपी ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुये राज्यसभा में हंगामा किया.