लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने 'मी टू' अभियान के तहत 14 महिलाओं से दुर्व्यवहार और यौन शोषण के आरोपों में फंसे केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर पर कार्रवाई न करने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को हठधर्मी और अहंकारी कहा.


उन्होंने अकबर द्वारा अपने पर लगे आरोपों को राजनीतिक रंग दिए जाने की निंदा करते हुए कहा, "इस मी टू अभियान में जहां कई महिलाएं आगे आकर अपने साथ हुए शोषण और यौन उत्पीड़न के घटनाक्रमों को हिम्मत के साथ मीडिया के सामने रखा, वहीं बीजेपी एंड कंपनी इस अति असंवेदनशील मुद्दे पर भी खामोश तमाशाई और मूकदर्शक बनी हुई है."

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बीएसपी की ओर से जारी बयान में मायावती ने कहा कि देश में लगभग एक दर्जन कामकाजी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री अकबर अपना स्वाभाविक बचाव करने के बजाय इसे चुनावी राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी पार्टी निंदा व भर्त्सना करती है.

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि आरोपों के कठघड़े में खड़े मंत्री से ज्यादा यह घटनाक्रम बीजेपी व केंद्र सरकार की महिला सम्मान के प्रति असंवेदनशील व इनके घोर महिला विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को देश दुनिया के सामने पूरी तरह से बेनकाब करता है.

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मायावती ने कहा कि वैसे तो महिलाओं की सुरक्षा, उनके आत्मसम्मान व स्वाभिमान के साथ ही यौन शोषण व उत्पीड़न के मामले गंभीर बुराई के तौर पर समाज में हर जगह मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकारों में कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा व सम्मान का बहुत बुरा हाल है, लेकिन चुनावी और राजनीतिक स्वार्थ के लिए पीड़ित महिलाओं की आवाज को पूरी तरह से असंवेदनशील होकर एक सिरे से नजरअंदाज कर देना एक ऐसा कृत्य है, जिसे शायद देश में कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा. इसका खामियाजा भी बीजेपी को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा.

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मायावती ने कहा कि फिल्म जगत, खेल जगत, अखबारों की दुनिया व अन्यत्र सभी जगहों पर ऐसे यौन उत्पीड़न व शोषण के लगने वाले आरोपों के संबंध में कार्रवाइयों के उदाहरण देखने को मिल रहे हैं और इसकी निंदा व विरोध किया जा रहा है. ऐसे में बीजेपी और केंद्र सरकार का अपने मंत्री के खिलाफ कोई भी कार्रवाई न करना हठधर्मी सरकार के अहंकारी होने का भी जीता-जागता प्रमाण है.