उन्होंने दो टूक कहा कि बसपा महागठबंधन में सीटों के लिए 'भीख' नहीं मांगेगी. मायावती ने कहा, "यदि हमारी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो पार्टी अकेले अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ेगी."
बसपा प्रमुख ने पार्टी संस्थापक कांशीराम के स्मृति दिवस पर नई दिल्ली स्थित बहुजन प्रेरणा केंद्र जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए. बसपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल समेत देशभर में कांशीराम को पुष्पाजंलि/श्रद्धाजंलि अर्पित की.
इस अवसर पर मायावती ने कहा कि बसपा दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ सवर्ण समाज के गरीबों के सम्मान व स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं कर सकती, चाहे उसके लिए कांग्रेस और भाजपा सरकारों का कितना ही विद्वेष, प्रताड़ना झेलना पड़े.
उन्होंने कहा, "भाजपा और कांग्रेस पार्टी से इन वर्गो के व्यापक हित व सम्मान की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. लेकिन इन वर्गो का अपमान भी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. इसीलिए बसपा ने चुनावी गठबंधनों के लिए 'सम्मानजनक सीटें' मिलने मात्र की शर्त रखी है. महागठबंधन में बसपा सीटों के लिए 'भीख' नहीं मांगेगी. ऐसा नहीं होने पर बसपा अकेले अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ती रहेगी."
मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस बहुजन समाज व सवर्ण समाज के गरीबों की हितैषी पार्टी नहीं है. अगर वह होती तो इन वर्गो की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत आज इतनी ज्यादा दयनीय न होकर पिछले 70 वर्षो में काफी सुधर गई होती और उन्हें भी सत्ता में समुचित भागीदारी मिली होती. उन्होंने कहा कि सम्मानजनक सीटें दिए जाने की एकमात्र शर्त अगर मान ली जाती है, तो बसपा महागठबंधन में शामिल होने को तैयार है.