नई दिल्ली: बीएसपी से कल निकाले गए कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज मायावती पर जमकर हमला बोला. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषा से लेकर पैसे मांगने तक का आरोप लगाया.


नसीमुद्दीन सिद्दीकी मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि मायावती ने चुनाव के बाद अनाप-शनाप बोलते हुए कहा कि मुसलमान गद्दार हैं. दाढ़ी वाले मुसलमान बोलते हुए कहा कि ये कुत्ते मेरे पास आते थे. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कथित ऑडियो टेप भी जारी किए जिसके जरिए दावा किया कि वो 50 करोड़ रुपये के लिए प्रॉपर्टी बेचने तक का दवाब भी बना रही थीं.


ये टेपिंग ब्लेकमेलर है और इसकी आड़ में पैसा कमाता है- मायावती
नसीमुद्दीन सुद्दीकी के आरोपों पर मायावती ने जवाब देते हुए उन्हें ब्लैकमेलर करार दिया. मायावती ने कहा, ''चुनाव नतीजे आने के बाद कुछ लोगों ने नसीमुद्दीन के बारे में मुझे बताया कि वो बहुत बड़ा ब्लेकमेलर है. ये टेपिंग ब्लेकमेलर है और इसकी आड़ में पैसा कमाता है.''


टेप से छेड़छाड़ हुई, ये कुछ भी कर सकता है- मायावती
नसीमुद्दीन ने जो टेप जारी किए उन पर मायावती ने कहा, ''मुझसे हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर उसमें काटछांट करके मीडिया के सामने पेश किया गया है. जो आदमी अपनी पार्टी अध्यक्ष की बात को रिकॉर्ड कर सकता है वो कुछ भी कर सकता है,''


टेप एक साल पुराना, मैंने मेम्बरशिप की किताबों का ब्यौरा माँगा था
मायावती ने कहा, ''जो टेप में आप लोगों ने सुना है वो कोई नई बात नहीं है. चुनाव से करीब 1 साल पहले टिकट फाइनल करने के वक्त मैंने कहा था कि जिसको भी आप बीएसपी टिकट के लिए ला रहे हैं उन्हें जानना ज़रूरी है. उन्होंने उस वक्त मेम्बरशिप की किताब ली थी. तब मैंने मेम्बरशिप की किताबों का ब्यौरा माँगा था. नसीमुद्दीन ने प्रदेश कार्यालय से ज्यादा किताबें ली थी.''


जैसी भाषा इस्तेमाल की, मैं कभी नहीं कर सकती
नसीमुद्दीन के बाद मीडिया के सामने आयी मायावती ने न सिर्फ मुसलमानों के लिए गद्दार और कुत्ते जैसे शब्दों के इस्तेमाल की बात से इंकार किया बल्कि नसीमुद्दीन पर ही मुसलमानों के खिलाफ होने का आरोप लगा दिया.


मायावती ने कहा, ''जो भाषा उन्होंने प्रेस में इस्तेमाल की है बहुत गंदी भाषा है. मेरे ख्याल में मुस्लिम समाज के लोग नसीम को बिलकुल माफ नहीं करेंगे क्योंकि मुस्लिम समाज के लोगों के मेरे ऊपर भरोसा है कि बहन जी मुस्लिम समाज के बारे में जिस तरह की उसने भाषा इस्तेमाल की है मैं अपने मुंह से नहीं कह सकती.''

पार्टी में मुसलमानों के लिए जैमर थे सिद्दीकी- मायावती
मायावती ने कहा, ''बीएसपी में मुस्लिम समाज के जो अच्छे लोग थे प्रभावशाली उनको ये आने नहीं दे रहे थे. नसीमुद्दीन एक जैमर का काम कर रहे थे मतलब उनको रोके हुए थे.''


मायावती ने कहा, ''अनुसाशनहीनता के साथ नासिनुद्दीन को पार्टी से निकालने की कई वजहें थीं. हम धन्ना सेठों से नहीं बल्कि चन्दा लेकर पार्टी चलाते हैं. नसीमुद्दीन के टेप में कुछ भी नया नहीं है. उस टेप में कही गई सभी बातें मेम्बरशिप के पैसे से जुडी हैं.''