लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा उठाने वाली भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव जीतने के लिये धर्म का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस मामले पर टिप्पणी करने वाले तत्वों पर कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया.
सत्ता हासिल करने के लिये धर्म का इस्तेमाल कर रही है बीजेपी
मायावती ने कहा, ‘‘बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अपनी हार मान ली है. यही वजह है कि उसके नेताओं ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर बेकार की बयानबाजी शुरू कर दी है. इस वक्त राम मंदिर का निर्माण सम्भव नहीं है, क्योंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. बीजेपी सत्ता हासिल करने के लिये धर्म का इस्तेमाल कर रही है. मुख्य चुनाव आयुक्त को ऐसी बयानबाजी करने वाले तत्वों की बातों का संज्ञान लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिये.’’
नाकामियों को छुपाने के लिये सरकार ने किया नोटबंदी का फैसला
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मोदी सरकार को बने करीब तीन साल हो चुके हैं और वह अपने एक चौथाई वादे भी पूरे नहीं कर सकी है. अपनी नाकामियों को छुपाने के लिये इस सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया. लोग उससे नाराज हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में उसे करारा जवाब देंगे.’’
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी की सरकार बनने पर वह राजनीतिक रूप से फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजे जाने वाले प्रभावशाली धार्मिक व्यक्ति के साथ न्याय करेगी.
चुनाव अभियान की शुरुआत सुलतानपुर से
मायावती ने कहा कि प्रदेश में एसपी की हालत खराब है. विधानसभा के पहले चरण का चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है, लेकिन इस पार्टी के नये मुखिया (मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत सुलतानपुर से की है, जहां पांचवें चरण में चुनाव होना है. आप इसी से समझ सकते हैं कि इस पार्टी की क्या स्थिति है.