लखनऊ: छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की अगुवाई वाली जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनका गठजोड़ बीजेपी या कांग्रेस से गठबंधन करने के बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेगा.

मायावती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीएसपी और जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा. ऐसे में सरकार बनाने के लिये किसी अन्य दल से समर्थन लेने की कल्पना नहीं की जा सकती.

उन्होंने कहा,"हमें और अजित जोगी जी को (पूर्ण बहुमत मिलने का) पूरा भरोसा है, मगर जहां तक बीजेपी और कांग्रेस से गठबंधन की बात है तो ऐसा करने के बजाय हम विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे."

मालूम हो कि जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे)-बीएसपी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जोगी ने कल मीडिया से बातचीत में कहा था कि राजनीति में किसी भी सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिये कुछ भी हो सकता है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं बनेगी.

उनसे पूछा गया था कि अगर जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे)-बीएसपी गठबंधन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाता है, तो क्या वह बीजेपी का साथ लेंगे. जोगी के इसी बयान पर मायावती ने आज प्रतिक्रिया दी है.

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि बीएसपी- जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) गरीबों, किसानों, मजदूरों, दलितों और पिछड़ों को मजबूत करने के लिये काम कर रही हैं जबकि बीजेपी और कांग्रेस इन तबकों की हितैषी कतई नहीं हैं. इन वर्गों के मामले में ये दोनों पार्टियां ‘सांपनाथ’ और ‘नागनाथ’ हैं. इनका साथ लेने का सवाल ही नहीं है.

बीएसपी और जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) ने पिछले सितम्बर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव गठबंधन करके लड़ने का एलान किया था. प्रदेश की 90 में से 55 सीटों पर जनता कांग्रेस-छत्तीसगढ़ (जे) और 35 सीटों पर बीएसपी ने अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं. गठबंधन के तहत यह भी एलान किया गया है कि अगर बहुमत मिला तो जोगी मुख्यमंत्री होंगे.