मेरठ: बागपत जिला जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या का मामला अब सियासी रंग पकड़ने लगा है. मुन्ना बजरंगी पर रंगदारी का आरोप लगाने वाले पूर्व बीएसपी विधायक लोकेश दीक्षित को बहुजन समाज पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आदेश पर लोकेश दीक्षित पार्टी से निष्कासित कर दिए गए हैं. मेरठ-सहारनपुर मंडल के इंचार्ज बीएसपी नेता सत्यपाल पेपला ने निष्कासन पत्र में लोकेश दीक्षित पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है.


करीब 10 महीने पहले लोकेश दीक्षित ने मुन्ना बजरंगी पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था. इस मामले में बड़ौत थाने में सितंबर 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था. पुलिस ने सर्विलांस के आधार पर लखनऊ से सुल्तान नाम के व्यक्ति की गिरफ्तारी की थी.

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सुल्तान के फ़ोन से मिली धमकी में लोकेश दीक्षित से मांगी गई रकम का खुलासा भी नही किया गया था. मुन्ना बजरंगी की संलिप्तता केस की जांच में भी नही पायी गई. वह सीधे नामजद भी नहीं था और ना ही गिरफ्तार हुए सुल्तान ने रंगदारी मांगने में मुन्ना बजरंगी के शामिल होने की बात स्वीकारी थी.

पिछले दिनों लोकेश दीक्षित ने रंगदारी मामले में सुनवाई के दौरान अदालत में बार-बार मुन्ना बजरंगी को पेश किए जाने की दरखास्त की थी. जिसके बाद अदालत ने मुन्ना बजरंगी को कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी कर दिया. 8 जुलाई को झांसी से बागपत जेल लाए गए मुन्ना बजरंगी की इसी मामले में 9 जुलाई को जिला न्यायालय में पेश होना था. सूरज निकलते ही जेल में उसकी हत्या कर दी गई.

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किसने बिछाई बजरंगी की हत्या की बिसात

जेल में बजरंगी की हत्या होने के बाद से ही इस हत्या के तार राजनीतिक गलियारों से जोड़े जा रहे थे. बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने आरोप लगाया है कि मनोज सिन्हा, धनंजय सिंह और कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय इस हत्या के पीछे बड़े किरदार हैं.

सीमा सिंह ने कुछ दिनों पहले मुन्ना बजरंगी की हत्या की साजिश रचने का आरोप नेताओं के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ के कुछ अफसरों पर भी लगाया था. मुन्ना बजरंगी की सुरक्षा को लेकर सीमा हाईकोर्ट तक गई लेकिन कोई मदद मिलने से पहले ही मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या हो गई.

सूत्रों की मानें तो जौनपुर और आसपास के जिलों में मुन्ना बजरंगी अपने आपराधिक प्रभाव का इस्तेमाल करके 2019 का लोकसभा चुनाव प्रभावित कर सकता था. इससे कई नेताओं को सियासी जमीन के खिसकने का खतरा था.

निष्कासन के बाद बोले लोकेश दीक्षित

लोकेश दीक्षित ने बताया कि उन्हें अभी पार्टी से कोई चिट्ठी नहीं मिली है. मीडिया के जरिये पार्टी से निष्कासन की बात पता चली है. कारणों का तो पता नहीं लेकिन मैंने सत्यनिष्ठा से पार्टी की सेवा की है. पार्टी अगर मौका देगी तो हाई कमान तक अपनी बात पहुँचाने की कोशिश करूंगा.