लखनऊ: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव के सरकारी बंगले में तोड़-फोड़ का मुद्दा तूल पकड़ता ही जा रहा है. इस पर सबके आरोप-प्रत्यारोप के बीच समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील यादव ने कहा कि बंगले में तोड़फोड़ सीएम योगी के आदेश पर हुई है. वो यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि उपचुनावों में हार से हताश मुख्यमंत्री इस मुद्दे के जरिए जनता के बीच अखिलेश यादव की छवि खराब करना चाहते हैं.


आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने को कहा था. मुलायम सिंह यादव अपने और अखिलेश के बंगले को बचाने के लिए योगी आदित्यनाथ से मिले भी थे. लेकिन इसके बाद योगी सरकार ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर दिया था.

कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह ने बंगला खाली करने में देर नहीं लगाई. मायावती के बंगले पर तो तमाम पेंच फंसे ही, मुलायम और अखिलेश ने भी खाली करने के लिए वक्त मांगा. आखिरकार वो तारीख भी आ गई जब सभी को सरकारी बंगले छोड़ने पड़े.




यह बंगला तीन बंगलों को तोड़ कर बनाया गया था. यह मुलायम सिंह यादव के बंगले से भी बड़ा था. अखिलेश और उनका परिवार इस बंगले को बहुत पसंद करता था.

स्वीमिंग पूल को कंक्रीट और सीमेंट से भर दिया गया है, रसोई में लगे इटालियन मार्बल उखाड़ दिए गए हैं और बाथरूम की फिटिंग्स उखाड़ दी गईं. यहां तक कि इस बंगले में विदेशी टाइल्स, जिम और विदेशी पौधों को सरकारी खर्च पर लगाया गया था उन्हें भी उजाड़ दिया गया.

अखिलेश यादव ने इसे अपने मुख्यमंत्री रहते ही बनवाया था, इसको भव्य रूप देने और साज सज्जा में दो बार में 42 करोड़ रुपये खर्च किये गए थे. इस खर्च का भुगतान यूपी के राज्य संपत्ति विभाग ने किया, लेकिन थे तो पैसे जनता की गाढ़ी कमाई के ही.

4 विक्रमादित्य मार्ग यानी मुलायम सिंह यादव की सरकारी कोठी के बगल का बंगला. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हफ्ते भर पहले अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया.