लखनऊ: आंबेडकर की पुण्यतिथि पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज लखनऊ में रैली की. इस दौरान एक फिर यूपी के सीएम पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव वास्तव में बबुआ हैं. मायावती ने कहा मूर्ति पर सवाल उठाकर अखिलेश महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं. कभी आंबेडकर की पुण्यतिथि पर छुट्टी खत्म कर देते हैं, कभी छुट्टी का एलान कर देते हैं.



इसके साथ ही मायावती ने कहा कि बीजेपी और RSS के लोगों को आंबेडकर का संविधान पंसद नहीं हैं, क्योंकि ये लोग जातिवादी वर्ण व्यवस्था लागू करना चाहते थे, आंबेडकर की वजह से अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं.


अम्बेडकर के प्रति असम्मान जताने के लिये 6 दिसम्बर को हुआ बाबरी विध्वंस: मायावती


बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने आज दावा किया कि धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर देश का संविधान बनाने वाले बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के प्रति गंदी मानसिकता की वजह से ही बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के लिये छह दिसम्बर का दिन चुना था.


मायावती ने अम्बेडकर के 61 परिनिर्वाण दिवस पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि साल 1992 में केन्द्र में कांग्रेस और प्रदेश में बीजेपी की सरकार के शासनकाल में अयोध्या के विवादित ढांचे को खण्डित करने के लिये अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस यानी छह दिसम्बर को इसलिये चुना गया था, क्योंकि बाबा साहब ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था, जो इन ताकतों को पसंद नहीं था.


धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर बनाया संविधान


उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और संघ के लोग यह कतई नहीं चाहते कि हिन्दुओं को छोड़कर अन्य धर्मो के मानने वाले लोग मान-सम्मान की जिंदगी जिये. वे नहीं चाहते कि उनके धार्मिक स्थल और भविष्य सुरक्षित रहें. अम्बेडकर ने उनकी मानसिकता को भांप लिया था, इसे ध्यान में रखते हुए धर्मनिरपेक्षता की बुनियाद पर संविधान बनाया. बीजेपी और संघ के लोगों ने गंदी मानसिकता के तहत अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर विवादित ढांचे को खण्डित किया.


बीएसपी मुखिया ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी के लोग मुस्लिम समाज के गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण सपने में भी देने को नहीं तैयार हैं. बीएसपी इसके लिये संसद के अंदर और बाहर आवाज उठाती रही है.