लखनऊ: दलितों के मुद्दे पर राजनीति गर्म है. बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती आज सहारनपुर के उस गांव में जा रही हैं, जहां पिछले दिनों दलित समाज के लोगों के घर जलाए गए थे. दिल्ली से सहारनपुर जाने से पहले मायावती ने यूपी की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है.


घटना के लिए बीजेपी जिम्मेदार- मायावती


मायावती ने कहा है, ‘’सहारनपुर के जिस गांव में वर्तमान में जो घटना घटी है वो दुर्भाग्यपूर्ण है. यूपी में बीजेपी की सरकार जातिवादी सरकार है. चाहे वो दलित वर्ग के लोग हों या अन्य पिछड़ी जाती के लोग हों. बीजेपी की सरकार उनके साथ पक्षपात का रवैया अपना रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘’सहारनपुर की ये घटना सिर्फ जातिवादी और पक्षपाती रवैये की वजह से घटी है. इसके लिए बीजेपी की सरकार जिम्मेदारी है.’’


मुझे कुछ हुआ तो बीजेपी सरकार होगी जिम्मेदार- मायावती


मायावती ने कहा ''सहारनपुर में हेल‍ीपैड के अरेजमेंट क‍े ल‍िए डीएम और एसएसपी ने परमि‍शन देने से मना कर द‍िया है. मैं द‍िल्ली से बाईरोड सहारनपुर जा रही हूं. मेरे वहां तक पहुंचने और वहां से लौटने तक की ज‍िम्मेदारी यूपी सरकार की होगी. अगर मुझे कुछ होता है तो इसके ल‍िए बीजेपी सरकार ज‍िम्मेदार होगी. मुझे बाईरोड जाने के ल‍िए मजबूर क‍िया जा रहा है.''


 


क्या है पूरा मामला ?


ग्राम शब्बीरपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच डीजे को लेकर हुई मामूली तनातनी ने उग्र रूप धारण कर लिया था. इसके चलते दोनों पक्षों के बीच पथराव, गोलीबारी और आगजनी हुई थी. इस दौरान एक युवक की पत्थर लगने से मौत हो गई थी और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए थे.  जिसके बाद दलितों ने महापंचायत बुलाकर घटना पर विरोध जताया. इसी दौरान हिंसा भड़क उठी. भीड़ ने पुलिस गाड़ी और नाके को आग के हवाले कर दिया.


जंतर मंतर पर दलितों का प्रदर्शन


जातीय हिंसा के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर दलितों की भीम आर्मी ने बड़ा प्रदर्शन भी किया था. इस मामले में मुरादाबाद में भी दलितों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाएं थे. दलितों की मांग थी कि जिन दलितों पर गलत ढ़ंग से केस दर्ज किए गए हैं वे वापस लिए जाएं और हिंसा की निष्पक्ष जांच की जाए.


21 अप्रैल को भी हुई थी दो पक्षों में तनातनी


सहारनपुर के दलित औऱ मुस्लिमों के गांव दुधली में पहले आंबेडकर औऱ रविदास जयंती पर शोभायात्रा निकाली जाती थी. लेकिन मुस्लिमों के विरोध के बाद यहां सात साल से शोभायात्रा निकालने की इजाजत नहीं थी. योगी सरकार आने के बाद हिंदू संगठनों ने 14 अप्रैल को शोभायात्रा निकालने की इजाजत मांगी थी. जिसे प्रशासन ने नामंजूर कर दिया. बिना इजाजत के कल जुलूस निकला और जब ये मुस्लिम इलाके से गुजरा तो पथराव हो गया. जिससे हालात बिगड़ गए.


सांप्रदायिक तौर पर बेहद संवेदनशील माना जाता है सहारनपुर


सहारनपुर को सांप्रदायिक तौर पर बेहद संवेदनशील माना जाता है. साल 2014 में भी यहां दो गुटों के झगड़े ने दंगे का रूप ले लिया था. इस एक महीने के अंदर सहारनपुर में करीब तीन सामप्रदायिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं.