लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की मुखिया मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'साइज ऑफ द केक मैटर्स' वाली टिप्पणी पर तंज करते हुए रविवार को कहा कि जब देश की एक विशाल आबादी बेरोजगारी और दूसरे संकटों से जूझ रही है तो ऐसे में केक की बात करना प्रधानमंत्री की ‘निरंकुशता’ को जाहिर करता है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि जब देश की अधिसंख्य आबादी जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बीमारी और अशिक्षा की समस्या से घिरकर रोजी-रोटी के लिए तरस रही है तो ऐसे में प्रधानमंत्री उनके लिए केक की बात कर रहे हैं. यह उनकी ‘निरंकुशता’ को जाहिर करता है.
मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार में क्या देश उसी रास्ते पर चल रहा है जिस तरह फ्रांसीसी क्रांति के समय कहा गया था कि अगर लोगों के पास खाना नहीं है तो वे केक क्यों नहीं खाते. वास्तव में सरकार को जुमलेबाजी छोड़कर जनता के भले के लिए काम करना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी में बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था, 'साइज ऑफ द केक मैटर्स. यानी जितना बड़ा केक होगा, उसका उतना ही बड़ा हिस्सा लोगों को मिलेगा. इसलिये हमने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है.'
पीएम मोदी ने कहा था, ''गरीबी हमारे दिल-दिमाग में एक नियति बन गयी है. सत्यनारायण की कथा भी एक बेचारे गरीब ब्राह्मण से शुरू होती है. हमें इस सोच से बाहर निकलना चाहिये. इसलिये कल के बजट में देश पांच ट्रिलियन इकॉनॉमी को कैसे प्राप्त करेगा, उसकी दिशा दिखायी गई है. आने वाले 10 साल के विजन के साथ हम मैदान में उतरे हैं.''
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