गया: बिहार के सबसे बड़े शहरों में शामिल गया से मानवता को शर्मासर कर देने वाली ख़बर आई है. यहां बुद्धिस्ट शिक्षा देने के नाम पर संस्था के संचालक बौद्ध भिक्षु संजोय, बाल भिक्षुओं के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता था. आरोप है कि पढ़ाई से जुड़ी या किसी मामूली सी बात पर भी गलती हो जाने के बाद बौद्ध बाल भिक्षुओं को नंगा करवाया जाता था. दंग करने वाली बात ये है कि ऐसी घिनौनी घटना उस शहर में हुई है जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.
तीन बच्चों का लिंग टूटा
इस मामले में संस्था के बौद्ध भिक्षु संजोय बाल को हिरासत में ले लिया गया है. चाइल्ड लाइन के सदस्य ने बताया की जांच के दौरान तीन बाल बौद्ध भिक्षुओं का लिंग टुटा हुआ मिला. इस मामले के प्रकाश में आने के महज 15 दिनों पहले भी एक बच्चा भिक्षु की प्रताड़ना से तंग आकर भाग निकला था. जब घटना की जानकारी उसके परिजन को मिली तब पास में रह रहे दूसरे बच्चों के परिजन अपने बच्चों को लेने बोधगया पहुंचे.
बच्चों ने खोली कारनामों की पोल
आपको बता दें कि जिन बच्चों के साथ यौनाचार हुआ है वो सब असम के हैं. जब भिक्षु बच्चों को अपने साथ लेकर असम के धर्मशाला में पहुंचा तब सभी बच्चों ने बौद्ध भिक्षु के कारनामों की पोल खोली. जब इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिली तब पुलिस अधिकारियों को आनन-फानन में धर्मशाला में पूछताछ के लिए भेजा गया. इसके बाद बाल संरक्षण इकाई के चाइल्ड लाइन के अधिकारियों की पूछताछ में यह बात सामने आई की 15 बच्चो में से तीन बच्चे का लिंग टूटा है.
बाल भिक्षुओं ने बताया की मामूली बातों पर उनकी पिटाई की जाती थी. बुखार रहने पर दवाई तक नहीं मिलती थी और रात के अंधेरे में नंगा कर कमरे में बुलाया जाता था. संस्था का संचालक बौद्ध भिक्षु संजोय बच्चों से उसका लिंग पकड़ने की बात किया करता था. उसके बाद गलत काम किया करता था.
आरोपी ने आरोपों को नकारा
आपको बता दें कि प्रजना ज्योति सोशल वेलफेयर ट्रस्ट निदेशक संजोय भिक्षु ने सभी आरोप को नकार दिया है. एसएसपी के निर्देश पर भंते संजोय और उसके साथ चार सहयोगी बौद्ध भिक्षुओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. असम से ताल्लुक रखने वाले सभी बच्चे काफी गरीब परिवार से हैं और शैक्षिणक शिक्षा के साथ-साथ बुद्धिस्ट शिक्षा के लिए उनके परिजनों ने उन्हें गया भेजा था.
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