Bulandshahar Violence: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा के तार 2015 के दादरी कांड से जुड़ रहे हैं. कल बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की रोती-बिलखती बहन ने कहा है कि मेरे भाई की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि वे दादरी के अखलाक मामले की जांच कर चुके हैं. उन्होंने भाई के लिए एटा में उनके गांव में शहीद स्मारक बनाए जाने की मांग की है.


सुबोध सिंह की बहन ने कहा, ''मेरा भाई अखलाक केस की जांच कर चुका है इसलिए साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है. उसे शहीद घोषित किया जाना चाहिए और स्मारक बनाया जाना चाहिए. मुझे पैसे नहीं चाहिए. मेरे पिता की भी मुठभेड़ में मौत हुई थी. मुख्यमंत्री केवल गाय, गाय, गाय करते हैं. खुद क्यों नहीं गो रक्षा करते हैं?''





आपको बता दें कि सुबोध सिंह ने 2015 में दादरी के अखलाक मामले की जांच की थी. अखलाक की बिसाहड़ा गांव में गोमांस रखने के शक में भीड़ ने घर में घुसकर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था. यह गांव जारचा कोतवाली के तहत आता है. उस समय जारचा में सुबोध कुमार सिंह ही प्रभारी थे. उन्होंने घटना के अगले दिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में चार्जशीट दाखिल किये जाने से पहले उनका ट्रांसफर कर दिया गया था.


 इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ने ही गोरक्षकों के हमलों के शिकार बने अखलाक केस की जांच की थी


सुबोध सिंह के बेटे ने बुलंदशहर में हुई हिंसा के लिए हिंदू-मुस्लिम तनाव को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता मुझे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा ना फैलाए. आज इस हिंदू-मुस्लिम झगड़े की वजह से मेरे पिता की जान चली गई, कल किसके पिता की जान जाएगी?''