लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है.
मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में देर रात एक बयान जारी किया. उन्होंने बुलन्दशहर के चिंगरावठी इलाके में गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिलने को लेकर उग्र भीड़ द्वारा की गयी हिंसा में स्याना के कोतवाल इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय निवासी सुमित की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया.
उन्होंने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रूपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रूपये की सहायता की घोषणा की. साथ ही आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया.
योगी ने अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एस0बी0 शिरडकर को तत्काल मौके पर जाकर दो दिन में पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि जांच रिपोर्ट में घटना के कारणों और दोषी व्यक्तियों का विवरण भी शामिल किया जाए.
बुलंदशहर की हिंसा पर यूपी सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी इसमें एडीजी ने कहा है कि एक खेत में गोवंश का मांस मिला था जिसके बाद गांववाले उत्तेजित हो गए. गोमांस मिलने के बाद गांववालों ने प्रदर्शन किया और दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक इलाके में जमकर हंगामा किया गया. इस हंगामे में प्रदर्शनकारियों की तरफ से पथराव किया गया और गोलियां चलाई गईं. बुलंदशहर के डीएम ने जानकारी दी है कि पोस्टमार्टम के दौरान यह पता चला है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली लगी है. उनकी बाईं आंख के पास गोली लगी. गोली उनके सर में धंस गई थी जिसके चलते उनकी मौत हो गई. उनके सिर में लगी चोट गंभीर थी और इसके चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका.
इसके अलावा स्याना इलाके में गांववालों के फायरिंग भी करने की खबर है. पुलिस ने भी पथराव और फायरिंग के विरोध में जवाबी हवाई फायरिंग की. इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. फिलहाल बुलंदशहर में स्थिति अब नियंत्रण में है.
एडीजी ने बताया कि गोवंश की हत्या की खबर मिलने के बाद महाऊ, नयाबांस और चिंगरावटी गांव के 400 के करीब लोग इकट्ठे हो गए और इन लोगों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की. एडीजी इंटेलीजेंस को मौके पर भेजा गया है वो 48 घंटे में अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे.