मेरठ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला प्रशासन ने गोकशी मामले में जेल गए तीनों आरोपियों पर रासुका लगाई है. जिलाधीश अनुज कुमार झा ने सोमवार को पुलिस रिपोर्ट के आधार पर अपने आदेश में कहा कि आरोपी अजहर निवासी कैथवाला, नदीम उर्फ नदीमुद्दीन और महबूब अली निवासी चौधरियान, थाना स्याना अपने साथियों के साथ गोकसी में संलिप्त पाए गए हैं.


उन्होंने कहा कि गांव महाब और नयाबांस में इन लोगों के इस कृत्य से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची. विरोध स्वरूप लोगों ने हिंसात्मक प्रदर्शन किया. साथ ही, पुलिस पर लाठी, डंडों, कुल्हाड़ी आदि से प्रहार कर व गोली मार कर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक स्याना की हत्या कर दी. संभावना है कि आरोपी जेल से छूटने के बाद साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसलिए तीनों आरोपियों को एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) में निरुद्ध किया गया है.

गौरतलब है कि पिछले महीने हुई भीड़ हिंसा की इस घटना में स्थानीय कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और एक युवक की मौत हो गई थी.

ऐसे हुई थी हिंसा, आगजनी और इंस्पेक्टर की हत्या

तीन दिसंबर को स्याना थानाक्षेत्र के महाव गांव के एक खेत में गायों के अवशेष मिले थे. ग्रामीणों ने वहां हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को बुला लिया. आरोप है कि बजरंगदल के जिला संयोजक योगेश राज और भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्याना नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने ग्रामीणों का नेतृत्व करते हुए अवशेषों को ट्रॉली में लादा और चिंगरावठी चौकी पर ले आये.

बुलंदशहर-गढ़ हाईवे जाम करके भीड़ प्रदर्शन करने लगी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जाम खुलवाने की कोशिश की तब पुलिस के ऊपर पथराव किया गया. इसी दौरान एक प्रदर्शनकारी सुमित की गोली लगने से मौत हो गई जिसके बाद स्याना के प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. भीड़ ने उस दौरान जमकर गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की.