बुलंदशहर: दो दिन पहले पुलिस के पोस्टर में अपने हमनाम की फोटो को लेकर सुर्खियों में आये बुलंदशहर हिंसा के आरोपी विशाल त्यागी ने सोमवार को बुलंदशहर की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने विशाल की गिरफ्तारी के लिए 5 दिन पहले गैर जमानती वारंट के नोटिस चस्पा किये थे. मगर कोर्ट में पुलिस की कड़ी चौकसी को चकमा देकर विशाल त्यागी जेल चला गया. विशाल बजरंग दल का अखाड़ा प्रमुख था.


सोमवार सुबह से ही बुलंदशहर की सीजेएम कोर्ट में विशाल त्यागी के सरेंडर करने की चर्चा जोरों पर थी. इसलिए रोज के मुकाबले पुलिस और पीएसी की तैनाती ज्यादा स्थानों पर की गई और सभी को चौकस रहने के आदेश दिये गये थे. कोर्ट के गेट पर भी बिना चेकिंग प्रक्रिया कड़ी कर दी गई थी. मगर इस मुस्तैदी के बाबजूद बुलंदशहर हिंसा कांड का आरोपी संख्या दो विशाल त्यागी सीजेएम की कोर्ट तक जा पहुंचा. अपने वकील की मदद से उसने कोर्ट में याचिका देकर आत्मसमर्पण कर दिया.


विशाल त्यागी के चाचा योगेन्द्र ने बताया कि वह 4 महीने से गाजियाबाद में हमारे साथ रह रहा था और स्याना के एक डिग्री कालेज से एलएलबी कर रहा था. उसने गाजियाबाद आ जाने के बाद से राजनैतिक कार्यक्रमों में भागीदारी भी छोड़ दी थी. बुलंदशहर बजरंग दल से जुड़े एक बड़े नेता के मुताबिक विशाल अखाड़ा प्रमुख था.


एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव ने विशाल त्यागी के कोर्ट में सरेंडर की पुष्टि करते हुए कहा कि विशाल त्यागी हिंसा का आरोपी था और उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 82 के नोटिस जारी थे. पुलिस को उसकी तलाश थी. उसके सरेंडर करने के बाद अब इस मामले में अब तक 18 लोग जेल जा चुके है. पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश भी कर रही है.


पुलिस ने आरोपी विशाल के बजाय लगा दिया था हमनाम का फोटो


बुलंदशहर पुलिस ने 5 दिन पहले आरोपियों का पोस्टर जारी किया था. इस पोस्टर के दूसरे आरोपी के तौर पर विशाल त्यागी का नाम सुरेन्द्र सिंह वल्दियत के साथ दर्ज था. लेकिन थाना पुलिस और एसआईटी विशाल की सही तौर पर पहचान नहीं कर पाई. विशाल के फोटो के स्थान पर उसके नाम वाले विशाल त्यागी का फोटो लगा दिया गया जो एक ब्लडबैंक का कर्मचारी था और शिकारपुर के हिरनौट गांव का मूल निवासी है. बुलंदशहर हिंसा के घटनास्थल से आरोपी के नाम वाले विशाल का घर करीब 35 किमी दूर है. पीड़ित ने एडीजी मेरठ से इस संबध में शिकायत की तब पुलिस ने उसका फोटो आरोपियों के पोस्टर से हटाया.