बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में हिन्दूवादी संगठनों के तीन नेताओं को नामजद किया गया है. इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी सहित कुल दो मौतें हुईं. विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव, शहर के भाजपा युवा शाखा के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल और बजरंग दल जिला संयोजक योगेश राज को सोमवार को हिंसा के मामले में प्राथमिकी में नामजद किया गया. यह हिंसा गौहत्या की अफवाह उड़ने के चलते हुई.


इस बीच बुलंदशहर पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के तीन हत्यारोपियों को जेल भेज दिया. देवेंद्र, आशीष और चमन को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था जहां से उन्हें जेल भेजा गया. जिस चिंगरावठी गांव का ये मामला है वहां पर भारी मात्रा में आरएएफ तैनात की गई है.


ये है मामला


जब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर ट्रैफिक जाम हटवाने की कोशिश की तभी उन पर धारदार चीजों से हमला करने के साथ ही गोली भी चला दी गई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. हिंसा में एक युवक भी मारा गया.


पुलिस ने 88 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से 25 को नामजद किया गया है. हिंसा में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए पांच पुलिस टीमों का गठन किया गया है और 22 स्थानों पर छापेमारी की गई है.


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से मिली जानकारी और घटना के समय लोगों द्वारा लिए गए वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर छापेमारी की गई. पुलिस अब हिंसा स्थल के नजदीक के गांवों पर फोकस कर रही है. पुलिस का मानना है कि भीड़ इन दोनों जगहों से आई थी.



गमगीन परिवार


मारे गए पुलिस अधिकारी के पार्थिव शरीर को एटा जिले के उनके गांव ले जाया गया, जहां परिवार के सदस्य उन्हें इस अवस्था में देखकर बिलख पड़े. सिंह के परिवार में उनकी पत्नी सुनीता और दो बच्चे हैं. विधवा सुनीता ने रिश्तेदारों से कहा कि उनके पति ने छुट्टी मांगी थी लेकिन नहीं दिया गया. उन्होंने बिलखते हुए कहा कि अगर छुट्टी दे दी गई होती, तो नहीं मारे जाते. सुबोध के बड़े बेटे श्रेय एमबीए कर रहे हैं जबकि छोटा बेटा अभिषेक इंजीनियरिंग का छात्र है.



योगी ने बुलाई बैठक


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार रात नौ बजे सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर एक मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में एडीजी आनंद कुमार समेत होम सेक्रेटरी आदि भी शामिल होंगे. बुलंदशहर की घटना के बाद से सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं जिसमें एक इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की जान चली गई थी. सवाल यूपी पुलिस और राज्य के लॉ एंड ऑर्डर पर भी हैं. इन्हीं मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री ने ये बैठक बुलाई है.



विपक्ष ने साधा निशाना


कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कानून व्यवस्था संभल नहीं रही है और हालात तालिबान जैसे हो गए हैं. इंस्पेक्टर की हत्या को सरकार के माथे पर कलंक बताते हुए प्रवक्ता ने सीएम के इस्तीफे की मांग की.


समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता पवन पांडे ने कहा कि सीएम योगी ने राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और कानून के रखवाले, सरकारी लोग भी मारे जा रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति और राज्यपाल से सरकार को बर्खास्त करने की अपील की.