बुलंदशहर: बुलंदशहर में गौकशी, हिंसा के बाद जमीदोंज हुई सियासी जमीन के नफ़ा-नुकसान और जायजा लेने घटना के 16वें दिन राज्य बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल चिंगरावठी गांव पहुंचा. राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन विधायकों का प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस चौकी और तीन गांवो का दौरा किया और हिंसा से प्रभावित ग्रामीणों से मुलाक़ात की. बीजेपी नेताओं ने फरार चल रहे हिंसा के आरोपियों के परिजनों से भी बातचीत की है. प्रतिनिधिमंडल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को अब अपनी रिपोर्ट सौपेंगे.



इस टीम में राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर के अलावा मुजफ्फरनगर सदर से बीजेपी विधायक कपिलदेव अग्रवाल, बुढ़ाना के बीजेपी विधायक उमेश मालिक और साहिबाबाद से बीजेपी विधायक सुनील शर्मा शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा में मारे गए सुमित के घर का भी मुहाल चाल लिया. नेताओं ने सुमित के परिवार के अलावा कई ग्रामीणों से बात की.



महाव गांव पहुंचे बीजेपी नेताओं ने ग्राम प्रधान समेत ग्रामीणों से बात की और हिंसा के बाद हुई पुलिस की बर्बरता की कहानियां सुनी. बीजेपी नेता हिंसा में आरोपी बनाए गए जीतू फौजी के घर भी जाना चाहते थे लेकिन जीतू के परिवार के गांव से पलायन कर जाने की वजह से रास्ते से ही लौट आये. नेता हिंसा के मुख्यारोपी योगेश राज के गांव भी पहुंचे और ग्रामीणों के अलावा योगेश के परिजनों से अकेले में बात की. यहां के बाद नेताओं की टीम स्याना के अग्रवाल धर्मशाला पहुंची और वहां मौजूद हिंसा के आरोपी शिखर अग्रवाल के चाचा राजीव अग्रवाल से मुलाकात की.



मुआयने के बाद बुलंदशहर पहुंचे राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर ने बताया कि हिंसा प्रभावित गांवों के लोगों से बात की है और उनका दर्द भी हमने सुना है. सभी तथ्य इकठ्ठे कर लिए हैं और अब संगठन को रिपोर्ट सौंपेंगे. सांसद ने रिपोर्ट के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.


बीजेपी के लिए हमेशा उर्वरा रही है स्याना की धरती


3 दिसंबर को स्याना के जिस इलाके में गोकशी के बाद हिंसा हुई वह इलाका हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के लिए मुफीद रहा है. पुलिस की कार्रवाई के बाद 3 गांव के सैकड़ों लोग घरों में ताला डालकर पलायन कर चुके हैं और अधिकांश नौजवान ही हिंसा के मुकदमे में आरोपी बनाए गए हैं. ऐसे में बीजेपी के सामने इस इलाके में अपना सियासी वजूद बचाए रखने की चुनौती बनी हुई है. जाट, ठाकुर, ब्राह्मण, लोध और वैश्य बाहुल्य इस इलाके में पहले भी बीजेपी के विधायक जीतते आए हैं और वर्तमान में भी यह सीट बीजेपी के खाते में हैं. संगठन अब इस हिंसा में हुए सियासी नुकसान की भरपाई के लिए कोशिश कर रहा है. इस इलाके के लोग पिछले दिनों कार्रवाई के नाम पर हुई पुलिसिया बर्बरता से खासे त्रस्त हैं.