बुलंदशहर: बुलंदशहर में भड़की हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या मामले में उप-मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने कहा कि मामले की जांच अभी की जा रही है ऐसे में हिंदू संगठनों का नाम लेना जल्दबाजी होगी.


केशव मौर्य ने कहा, "घटना बहुत दुखदायी है, ना तो जनता की ओर से आक्रोश होना चाहिए था और ना पुलिस की ओर से लापरवाही होनी चाहिए थी. हमें घटना का दुख है. उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच जारी है, एसआईटी का गठन किया गया है. जब तक जांच पूरी ना हो जाए किसी का नाम लेना उचित नहीं है. किसी का नाम लेना जल्दबाजी होगी.''

उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी घटना है, इस घटना से हम सभी दुखी हैं. परिवार पर भारी दुख पड़ा है, ईश्वर इसे सहने की शक्ति दे. ये भले की सेवा का एक हिस्सा हो लेकिन परिवार के लिए अगर कुछ ऐसा अप्रत्याशित होता है, तो अपार दुख होता है.

अब तक इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है. उसमें पहले नम्बर पर बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज का नाम है. दूसरा नाम बीजेपी युवा मोर्चो स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल का है इसके साथ ही विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी किया नामजद किया गया है.

बता दें कि बुलंदशहर के चिंगरावठी गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसकी सूचना स्याना के इंस्पेक्टर को दी गई थी. इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. इसी दौरान उग्र भीड़ ने उनकी हत्या कर दी.

सुबोध कुमार सिंह की हत्या के पहले कुछ लोगों ने गोकशी कि शिकायत की थी, आरोप लगाया था की महाव गांव के जंगलों में गाय काटी गई है, इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने नामजद एफआईआर दर्ज करवाई थी, पुलिस ने एफआईआर दर्ज भी कर ली थी. इसके बावजूद सोमवार को तकरीबन 1 से 1.30 बजे के बीच भीड़ ने पुलिस पर हमला किया. गोकशी की एफआईआर दर्ज कराने वाले योगेश राज को पुलिस ने हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है. जिसे बुलंदशहर बजरंग दल का संजोयक बताया जा रहा है.