लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दिसंबर में भीड़ द्वारा हिंसा की घटना में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के प्रमुख आरोपियों में से एक को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त कलुआ की बुलंदशहर के एक दूर-दराज के गांव में मौजूद होने की सूचना मिलने के बाद उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया गया.
कलुआ पर सिंह के सिर पर कुल्हाड़ी से वार करने का आरोप है. उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस इंस्पेक्टर को इसके बाद प्रशांत नट ने गोली मार दी थी, जो पहले से ही पुलिस हिरासत में है.
बता दें कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रभाकर चौधरी के मुताबिक नट से पूछताछ में यह पता चला था कि स्याना इंस्पेक्टर सिंह पर सबसे पहले एक अन्य आरोपी कलुआ ने कुल्हाड़ी से वार किया था. उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें एक गोली सुमित नाम के एक युवक को लगी थी, जिससे उसकी मौत हो गई.
इसके कुछ देर बाद प्रशांत ने इंस्पेक्टर की पिस्तौल छीनकर उनकी आंख के पास गोली मारी थी, जिससे उनकी मौत हो गई. घटना के दो चश्मदीदों ने भी इंस्पेक्टर को गोली मारने में प्रशांत की पहचान की है. पुलिस उस पिस्टल की भी तलाश कर रही है जिससे सुबोध को गोली मारी गई थी.
ऐसे हुई थी हिंसा, आगजनी और इंस्पेक्टर की हत्या
तीन दिसंबर को स्याना थानाक्षेत्र के महाव गांव के एक खेत में गायों के अवशेष मिले थे. ग्रामीणों ने वहां हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को बुला लिया. आरोप है कि बजरंगदल के जिला संयोजक योगेश राज और भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्याना नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने ग्रामीणों का नेतृत्व करते हुए अवशेषों को ट्रॉली में लादा और चिंगरावठी चौकी पर ले आये.
बुलंदशहर-गढ़ हाईवे जाम करके भीड़ प्रदर्शन करने लगी. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब जाम खुलवाने की कोशिश की तब पुलिस के ऊपर पथराव किया गया. इसी दौरान एक प्रदर्शनकारी सुमित को गोली लगी जिसके बाद स्याना के प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
भीड़ ने उस दौरान जमकर गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की. पुलिस ने बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया था मगर उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है.