बुलंदशहर: बुलंदशहर के स्याना में हुई गौकशी मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल गोकशी के आरोप में पहले जेल भेजे गए 4 आरोपियों को अब पुलिस निर्दोष बता रही है. पुलिस का कहना है कि जांच में ये लोग निर्दोष पाए गए हैं. 5 दिसंबर को जेल भेजे गए साजिद, सरफुद्दीन, बन्ने खा व आसिफ को अब पुलिस 169 की कार्यवाही कर जेल से निकलने में है जुटी है.
बुलन्दशहर के एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव ने इस मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए गोकशी के आरोपियों से हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है.
पूछताछ में आरोपियों ने बेहद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. गोकशों ने बताया कि पहले वो डबल बैरल लाइसेंसी बन्दूक से गाय को मारते थे और बाद में उसे हलाल करते थे फिर उसे आपस में बांट लेते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लाइसेंसी बंदूक, एक गड़ासा, दो चाकू और एक कार बरामद की है. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नदीम, रईस और काला नामक तीन लोगों को गोकशी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार भी बरामद हुआ है.
वहीं सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन मामले के मुख्य आरोपी योगोश राज और शिखर अग्रवाल अब भी पुलिस के हाथ नहीं आए हैं. कुछ दिनों पहले योगोश राज और शिखर अग्रवाल ने दोनों ने वीडियो जारी कर खुद को बेकसूर बताया था.
बता दें बुलंदशहर हिंसा में पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं. उनमें से एक मामला गोकशी और दूसरा हत्या का है. बुलंदशहर में कथित तौर पर गोवंशी जानवरों के अवशेष मिलने के बाद हिंसा भड़क गई थी. उपद्रव को नियंत्रण में करने पहुंची पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मार दी गई. गोली इंस्पेक्टर सुबोध के सिर में लगी थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.
उत्तर पदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने स्याना थानाक्षेत्र में हुई हिंसा के सिलसिले में दो वांछित आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि सचिन उर्फ कोबरा और जानी चौधरी तीन दिसंबर को स्याना में हुई हिंसा के सिलसिले में वांछित थे. प्रवक्ता ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ नोएडा की टीम ने सचिन और जानी को स्याना थानाक्षेत्र के गठिया बादशाहपुर बस स्टैंड से गिरफ्तार किया.