लखनऊ: बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में मारे गए युवक सुमित के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और 21 वर्षीय युवक को शहीद घोषित करने की मांग की. लोकभवन में घंटे भर चली बैठक से बाहर आकर सुमित की मां और बहन ने बताया कि योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हर प्रकार की मदद का आश्वासन दिया है.


सुमित के परिवार ने घटना में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार को मिले मुआवजे के तरह ही मुआवजा और इंसाफ की मांग की है.


सिंह की पत्नी को 40 लाख और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये मुआवजा का ऐलान किया गया लेकिन सिंह के माता-पिता की मौत हो चुकी है. ऐसे में उनकी पत्नी ने राशि स्वीकार की है.


सरकार ने सिंह के एक बेटे के लिए नौकरी की भी घोषणा की है और उनकी शिक्षा, घर के अन्य खर्चे का ध्यान रखने और शिक्षा ऋण चुकाने का भी वादा किया है.


बता दें कि सुमित के पिता आत्मदाह की धमकी दी थी. सुमित के पिता का आरोप है कि प्रशासन ने आर्थिक मदद का झूठा वादा करके 4 दिसंबर को बेटे अंतिम संस्कार करवा दिया.


सुमित के परिवार ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया था कि सुमित की उम्र तकरीबन 21 साल थी और बीए सेकेंड इयर का छात्र था, साथ ही पुलिस और रेलवे की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नोएडा से करता था. वो गांव इसलिए आया था क्योंकि नोएडा में दौड़ने में दिक्कत होती थी, यहां वो स्टेडियम में दौड़ लगाता था. अभी कुछ दिनों पहले ही सुमित ने यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था.


परिवार ने कहा कि घटना के दिन सुमित उस रास्ते से स्याना जाने के लिए गुजर रहा था और उसी दौरान हिंसक झड़प की चपेट में आया. सुमित के चचेरे भाई अनुज ने बताया कि घर की महिलाओं को अभी तक ये नहीं बताया गया है कि सुमित की मौत हो गई है. सुमित चिंगरावटी गांव का रहने वाला था. परिजनों का कहना है कि उस दिन सुमित दोस्त के साथ शादी के कार्ड बांटने गया था.


भाई का कहना है कि सुमित घर से स्याना जा रहा था और उसी दौरान ये हिंसा हुई. उन्होंने आगे कहा कि देखते ही देखते पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प होने लगी. झड़प के दौरान सुमित को गोली लगी और भीड़ बेकाबू हो गई.