लखनऊ: बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के घर तत्काल प्रभाव से सुरक्षा गार्ड लगा दिए गए हैं. आज सुबह में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शहीद के परिवार ने मुलाकात की थी. इसके तुरंत बाद ही एटा स्थित उनके पैतृक घर में डीजीपी के निर्देश पर दो सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए. साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वो वक्त-वक्त पर शहीद के घर जाकर हाल लेते रहें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबोध सिंह के परिवार वालों को आश्वासन दिया कि उन्हें पूरा न्याय मिलेगा और घटना के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. इस मुलाकात के दौरान प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह भी मौजूद थे. मुलाकात के बाद सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से परिवारजनों को आश्वासन दिया है कि दोनों बच्चों की पढाई में कोई हर्ज नहीं होगा.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पहले ही सरकार की ओर से राठौर के परिवार को 40 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा कर चुके हैं. चूंकि दिवंगत इंस्पेक्टर के माता पिता जीवित नहीं हैं इसलिए उन्हें मिलने वाली दस लाख रुपये की राशि भी पत्नी और बच्चों को मिलेगी. बच्चों की पढाई के संबंध में तय किया गया है कि इसके लिए बैंक से ली गई ऋण राशि का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा.
शहीद के बड़े बेटे श्रेय ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से पूरा आश्वासन मिला है कि न्याय मिलेगा. जो भी आरोपी हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. संकट की इस घड़ी में वह हमारे साथ हैं और रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने परिवार को असाधारण पेंशन, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जैथरा-कुरावली सड़क का नाम दिवंगत अधिकारी के नाम पर रखे जाने की बात भी कही. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर डीजीपी के अलावा कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, प्रभारी मंत्री राजेश गर्ग समेत अन्य आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
सुबोध की पत्नी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पति घर जल्दी नहीं आ पाते थे तो वह हमें मिलने के लिए थाने पर ही बुला लिया करते थे. कहते, तुम्हें और बच्चों को देखने का बहुत मन होता है. हिंसा से दो दिन पहले हम उनसे मिलने गए थे, तो कोतवाली में तीन लोगों को गोकशी के आरोप में पकड़कर लाया गया था.
इससे पहले दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति को अक्सर धमकियां मिलती रहती थीं. वह अखलाक मामले की जांच कर रहे थे इसलिए उन पर हमला हुआ. यह एक सोची समझी-साजिश है. उल्लेखनीय है कि सोमवार को बुलंदशहर के चिंगरावटी पुलिस चौकी पर भीड़ की हिंसा के बाद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी.