बुलंदशहर: बुलंदशहर में 3 दिसंबर को हुई हिंसा में जान गवाने वाले नवयुवक सुमित के पिता ने अब चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि आगामी 18 दिसम्बर को वह सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह करेंगे.


सुमित के पिता का आरोप है कि प्रशासन ने आर्थिक मदद का झूठा वादा करके 4 दिसंबर को बेटे अंतिम संस्कार करवा दिया. लेकिन 9 दिन से प्रशासन ने उनके परिवार की सुध तक नहीं ली. इसलिए अब वो 18 दिसंबर को आत्महत्या करने की बात कह रहे हैं. जबकि उस वक्त उन्हें आर्थिक सहायता की बात भी जिले के अफसरों की तरफ से कही गई थी.


बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र में गोकशी की घटना के बाद भड़की हिंसा में एनडीए की तैयारी कर रहे नवयुवक सुमित को गोली लगी थी, जिसकी मेरठ के निजी अस्पताल में मौत हो गई थी.


मृतक के पिता का आरोप है कि उसने प्रशासन के वायदे के अनुसार अपने बेटे का अंतिम संस्कार तो कर दिया, लेकिन प्रशासन ने आज तक भी उस परिवार की सुध नहीं ली, सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि उन्हें जिले के अफसरों के द्वारा आर्थिक मदद का आश्वासन दिया गया था. लेकिन 9 दिन बीत जाने के बाद भी किसी ने उनकी सुध नहीं ली,उन्होंने कहा कि जिस तरह इस घटना में मारे गए स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के लिए आर्थिक सहायता सरकार की तरफ से की गयी है उसी तर्ज पर उनकी भी मदद होनी चाहिए.


मृतक सुमित के पिता ने प्रशासन पर असहयोग का आरोप लगाते हुए अल्टीमेटम दिया है कि अगर प्रशासन ने सुध नहीं ली तो वे 18 तारीख को लखनऊ में मुख्यमन्त्री के आवास के सामने अपनी पत्नी के साथ आत्मदाह कर लेंगे. उन्होंने कहा कि अब उन्हें मुख्यमंत्री योगी से ही कुछ आस है.


बता दें कि सुमित के पिता किसान हैं, और घर में चार बेटियां और एक बेटा है,और सुमित को वह नोएडा में किसी तरह तैयारी करा रहे थे. सुमित एनडीए की तैयारी कर रहा था. परिजनों की मानें तो सुमित अपने एक दोस्त को छोड़ने के लिए सिंह चिंगरावटी गांव से चौकी तक गया था, तभी अचानक वहां हिंसक घटना हो गई जिसमें सुमित की जान चली गई. सुमित के पिता अमरजीत सिंह का कहना है कि वह इस मामले में एक-दो दिन और प्रशासन का इंतजार करेंगे अगर प्रशासन ने सुध नहीं ली तो वह अपनी पत्नी समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने जाकर आत्मदाह कर लेंगे.


बता दें कि बीते 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावठी इलाके में कथित गोकशी के मामले को लेकर भीड़ से संघर्ष में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह शहीद हो गए थे. इसके अलावा सुमित नामक एक युवक की भी मौत हो गई थी. इस मामले में जितेंद्र समेत 27 नामजद तथा 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इनमें से अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.