बुलंदशहर हिंसा: योगेश राज की बहन ने पुलिस के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किया परिवाद
बजरंग दल के जिला संयोजक और हिंसा के आरोपी योगेश राज की 19 वर्षीय बहन ने परिवाद के जरिए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
बुलंदशहर: बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज की बहन ने अदालत में पुलिस के खिलाफ परिवाद दाखिल करके कार्यवाही किए जाने की मांग की है. आरोप है कि 3-4 दिसंबर की रात को स्याना पुलिस की टीम ने योगेश के घर में दबिश के दौरान जमकर मारपीट, तोड़फोड़ और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और छेड़खानी की थी. बुलंदशहर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने परिवाद स्वीकार करते हुए शिकायतकर्ता के बयान दर्ज कराने की तारीख मुकर्रर कर दी है.
बजरंग दल के जिला संयोजक और हिंसा के आरोपी योगेश राज की 19 वर्षीय बहन ने परिवाद के जरिए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कोर्ट में दाखिल परिवाद में लिखा गया है कि पुलिस ने 3-4 दिसंबर की रात को करीब 1 बजे उनके घर पर धावा बोला और घर में मौजूद महिलाओं की पिटाई शुरू कर दी.
बुलंदशहर की एसओजी टीम के दरोगा शौकेन्द्र, सुरेंद्र बैंसला, सुशील यादव, एलआईयू इंस्पेक्टर सुनील त्यागी, 5-6 अन्य पुलिसकर्मी, चिंगरावठी चौकी इंचार्ज सुभाष लोधी, स्याना के क्षेत्राधिकारी सत्यप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में उनके घर योगेश राज की तलाश में आए थे.
घर में मौजूद महिलाओं के साथ याची को भी पुलिसवालों ने अपशब्द कहे और हाथापाई करते हुए उनके साथ छेड़छाड़ भी की. पुलिस के इस दुर्व्यवहार की शिकायत जिले के पुलिस अफसरों से भी की गई थी लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
याची ने शिकायत याचिका में घर की तीन महिलाओं और कई ग्रामीणों के नाम भी बतौर गवाह अंकित किए हैं. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल इस परिवाद को एसीजेएम-II की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. एसीजेएम-II ने इस मामले में सुनवाई करते हुए परिवाद स्वीकृत कर लिया है और याची को 14 जनवरी 2019 को कोर्ट में पेश होकर अपने बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है.
कैसे हुई थी बुलंदशहर में गौकशी के बाद हिंसा
तीन दिसंबर को बुलंदशहर की चिंगरावठी चौकी पर बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज के नेतृत्व में एक ट्रैक्टर-ट्राली में कटी हुई गायों के अवशेष लाए गए थे. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह अवशेष महाव गांव के एक खेत में मिले हैं. प्रदर्शनकारी गोकशी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे.
इसी दौरान जाम खुलवाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया. चौकी के बाहर तमाम वाहनों में आग लगा दी गई और भीड़ का मुकाबला कर रहे स्याना के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई. हिंसा के दौरान चिंगरावठी गांव के प्रदर्शनकारी सुमित को भी गोली लगी जिसकी मेरठ के आनंद अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
दबिश के दौरान जुल्म के आरोप
इंस्पेक्टर की हत्या के बाद मौके पर आरएएफ, पीएससी और पुलिस की तैनाती की गई. पुलिस ने रात में नयाबांस, चिंगरावठी और महाव गांव में हिंसा करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी. नयाबांस में योगेश राज के घर पर भी इसी दौरान दबिश दी गई थी. कोर्ट में दाखिल शिकायत याचिका में याची ने उसी दबिश का जिक्र करते हुए पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार के आरोप लगाए हैं और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजे जाने की गुहार लगाई है.