बुलंदशहर: बुलंदशहर हिंसा को लेकर सियासत शुरू हो गई है. हर तरफ इस मामले पर बयानों का दौर जारी है. इसी बीच योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह वीएचपी, बजरंग दल और आरएसएस की साजिश है. अब तो पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का नाम भी शामिल किया है. मुस्लिम इज्तिमा कार्यक्रम के दिन ही क्यों विरोध-प्रदर्शन हुए? यह अशांति फैलाने की कोशिश है.
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिफ्तार किया है. इस बीच एसआईटी ने भी घटनास्थल का दौरा किया है. हत्या के मामले में 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है. उसमें पहले नंबर पर बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज का नाम है. बीजेपी युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल, वीएचपी कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी किया नामजद किया गया है. इसके अलावा अन्य 60 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
शहीद इंस्पेक्टर की बहन का कहना है कि मेरा भाई अखलाक केस की जांच कर चुका है इसलिए साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है. उसे शहीद घोषित किया जाना चाहिए और स्मारक बनाया जाना चाहिए. मुझे पैसे नहीं चाहिए. मेरे पिता की भी मुठभेड़ में मौत हुई थी. मुख्यमंत्री केवल गाय, गाय, गाय करते हैं. खुद क्यों नहीं गो रक्षा करते हैं?
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत से उनके पैतृक गांव तरगंवा में मातम छा गया है. सुबोध के घर में सांत्वना देने वालों की भीड़ लगी है और लोगों की जुबान पर उनकी बहादुरी के चर्चे हैं. इंस्पेक्टर सुबोध दादरी के बहुचर्तित अखलाक हत्याकांड के जांच अधिकारी भी रहे थे. भीड़तंत्र जैसे मामलों की जांच कर चुके इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोप भी भीड़ पर ही लगा है.