पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को पटना हाईकोर्ट ने नोटिस भेजा है. मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते मिले सरकारी बंगले के कानूनी रुख पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने बताया को बिहार विशेष सुरक्षा दल (संशोधन) अधिनियम 2010 के तहत फ्री में पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला दिया गया है.


इसपर कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसे मामले में निर्देश आ चुका है, ऐसे में बिहार में किस प्रावधान के तहत ये सुविधा बरकार है. कोर्ट ने राज्य सरकार को 11 फरवरी को हलफनामा दायर कर बताने के लिए कहा है कि बंगला कैसे आवंटित हुआ. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भी मुख्यमंत्री आवास के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते एक सरकारी बंगला है.


इसके अलावा लालू यादव और राबड़ी देवी के नाम 10 सर्कुलर रोड, जगन्नाथ मिश्रा, सतीश प्रसाद सिंह और जीतन राम मांझी के पास भी लाइफटाइम मुफ्त में असीमित सुविधाओं के साथ बंगले आवंटित हैं. इसके पहले तेजस्वी यादव के बंगले मामले में भी कोर्ट ने खाली करने का आदेश देते हुए टिप्पणी की थी कि नेता सरकारी बंगले के लिए ऐसे लड़ रहे हैं जैसे उनकी अपनी संपत्ति हो. अब राज्य सरकार को बताना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बंगला किस आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम है.


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