लखनऊ: बस 90 की स्पीड से चल रही है. ड्राइवर के हाथ में मोबाईल फोन है. बस में 50 लोग सवार हैं लेकिन वो अपने मोबाईल पर लूडो खेलता रहा. बस रात के दो बजे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर दौड़ती रही. थोड़ी सी चूक बस में सफर कर रहे लोगों की जान ले सकती थी. ये बात 21 अप्रैल की है.
दोपहर तीन बजे स्कैनिया बस लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. इसी बस में सवार करतार सिंह ने उसी दिन एक ट्वीट किया था. उन्होंने बस चलाते हुए व्हाट्सऐप पर मैसेज पढ़ते ड्राइवर की फोटो भी पोस्ट की थी. ये सूरमा भोपाली ड्राइवर का नाम सतेंद्र सिंह है.
एबीपी न्यूज़ के पास मोबाईल पर लूडो खेल कर बस चलाते हुए सतेंद्र सिंह का वीडियो भी है. इस वीडियो को देखने के बाद उसे गाड़ी चलाने के काम से हटा दिया गया है. बस के कंडक्टर विजय कुमार को भी ड्यूटी से हटा दिया गया है. यूपी राज्य परिवहन निगम ने ये फैसला किया है.
यात्रियों के टोकने के बावजूद सतेंद्र सिंह अपने हाथ में मोबाईल लेकर बस चलाता रहा. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक उसने किसी की नहीं मानी. कंडक्टर से शिकायत की गयी तो उसने मुसाफिरों को समझाया,"सुरेंद्र जी एक्सपर्ट ड्राइवर हैं, चिंता न करें."
रास्ते भर बस चालाक सतेंद्र सिंह मनमानी करता रहा. कभी वो मोबाईल पर लूडो खेलता रहा तो कभी मेसेज पढता रहा. ज़रा सोचिए अगर आप भी उस वक्त बस में होते तो क्या हालत होती आपकी. क्या बीत रही होगी उन माता पिता पर जो अपने बच्चों के साथ उसी बस में सफर कर रहे थे.
अपने कलेजे के टुकड़ों को सीने से लगाए ही उनकी यात्रा ख़त्म हुई. एक सदमे जैसा. बस के यात्री शायद ही कभी इस खौफनाक सफर को भूल पाएं.