नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए रविवार को सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि भगवा दल को अगर उत्तर प्रदेश में पराजित कर दिया जाता है तो उसे केंद्र में सत्ता में आने से रोका जा सकता है.


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस की बड़ी जिम्मेदारी है और उसे सबको साथ लेकर बड़े दिल का प्रदर्शन करना चाहिए. उसे विपक्ष के सभी दलों से चर्चा करनी चाहिए.


सपा प्रमुख ने कहा कि विपक्ष लोक सभा चुनाव के बाद अपना नेता चुनेगा और इसे बीजेपी को हराने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने मतभेदों को एक तरफ रखना चाहिए.


अखिलेश यादव ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, ‘‘ हम अपना (महागठबंधन का) नेता चुनाव के बाद चुनेंगे. हमें बीजेपी को रोकना है. अगर हम बीजेपी को उत्तर प्रदेश में रोक पाते हैं तो हम उन्हें पूरे भारत में रोक सकते हैं.’’


बीजेपी प्रमुख अमित शाह के भगवा दल के 50 साल तक शासन करने के दावे पर तंज कसते हुए यादव ने कहा, ‘‘50 साल भूल जाइए, लोग 50 हफ्तों में अपना फैसला देंगे.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस की आज बड़ी जिम्मेदारी है. उन्हें अपना दिल खोलने की जरूरत और उन्हें सबको साथ लेना चाहिए. मैं (बीएसपी प्रमुख) मायावती के लगातार संपर्क में हूं.’’


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अहम गठबंधन बनाने के लिए ‘‘ मैं सहायक भूमिका निभाने का इच्छुक हूं.’’


अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सपा उत्तर प्रदेश में इसलिए चुनाव हारी क्योंकि आरएसएस ने लोगों को गुमराह किया था लेकिन लोगों ने अब उन्हें देख लिया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों का विश्वास हिला है।


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ न सिर्फ अपनी पार्टियों बल्कि देश को बचाने के लिए हमें आरएसएस से दूर रहना है. आरएसएस धर्म और जाति के आधार पर हमें बांटती है. इसलिए मैं उनके खिलाफ हूं.’’


अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की योजना युवाओं को धर्म और जाति के आधार पर लड़ाते रहने की है ताकि वे नौकरियों और आय के बारे में सवाल नहीं पूछें.


उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी के साथ मेरा गठबंधन उस वक्त उठाया गया सही कदम था लेकिन लोग हमारे संदेश को नहीं समझे, हम सही तरीके से अपना संदेश उन्हें समझा नहीं पाए.’’