लखनऊ: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की राहें अलग-अलग हो गई हैं. मायावती ने अपने बयान में कह दिया कि अब बसपा विधानसभा उपचुनाव में अकेले ही उतरेगी. दूसरी ओर अखिलेश यादव ने भी विधानसभा उपचुनावों में अकेले लड़ने का एलान कर दिया. वहीं लोकसभा चुनावों में बुरी हार का सामना करने वाली कांग्रेस भी इन चुनावों के लिए तैयारी में जुट गई है. और अपनी जीत से उत्साहित बीजेपी इन चुनावों में भी दम दिखाना चाहती है. तो ऐसे में सवाल ये है कि इन विधानसभा उपचुनावों में किस पार्टी को जीत हासिल होगी? कौन सी पार्टी ''वोटबली'' बनकर सामने आएगी?
समाजवादी पार्टी
राजनीति के जानकार मानते हैं कि समाजवादी पार्टी एक बुरे दौर से गुजर रही है. शिवपाल सिंह ने अपनी अलग पार्टी बना ली है, अखिलेश ने दो बार गठबंधन किए- पहले कांग्रेस और फिर बीएसपी के साथ लेकिन दोनों में ही उसे असफलता हाथ लगी. वोट परसेंटेज घट गया. पत्नी डिंपल, भाई अक्षय और धर्मेंद्र हार गए. मुलायम सिंह यादव की सेहत पहले जैसी नहीं है. यानि हालात अखिलेश के साथ नहीं हैं. फिर भी वे निराश नहीं दिखते. वे जिस तरह से कार्यकर्ताओं के बीच जा रहे हैं उससे साफ है कि वे आने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयार हैं.
बहुजन समाज पार्टी
मायावती जब 2007 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थीं तब लगा था कि आने वाला वक्त उनका ही है लेकिन उसके बाद तीन लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. साथ ही 2012 में यूपी की सत्ता अखिलेश के पास चली गई जो 2017 में बीजेपी के पास पहुंच गई. करीब 7 साल से बीएसपी यूपी की सत्ता से बाहर है. इस बार वो लोकसभा की 10 सीटें जीतने में जरूर कामयाब हुई है लेकिन अगर सपा के साथ गठबंधन ना होता तो क्या होता कहना मुश्किल है.
हालांकि मायावती का दावा है कि सपा अपने लोगों के वोट बीएसपी को नहीं दिला पाई. और यही कारण है कि उन्होंने सपा को अलविदा बोल दिया है और विधानसभा उपचुनाव में अकेले उतरने का एलान कर दिया है. ये पहली बार है जब बीएसपी विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी. इससे पहले कभी बीएसपी ने विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़े हैं. देखना होगा कि पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहेगा.
कांग्रेस
जिन 11 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं उनमें से कुछ सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था. हालांकि कांग्रेस लंबे वक्त से यूपी की सत्ता से दूर है और इस बार के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को यूपी में करारी हार का सामना करना पड़ा. फिर भी कांग्रेस विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयार नजर आती है. प्रियंका गांधी भी कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं और माना जा रहा है कि पार्टी इन उपचुनावों में मुकाबले के लिए तैयार है.
भारतीय जनता पार्टी
यूपी और केंद्र की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा है. जिन 11 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं उनमें से अधिकतर जगहों पर 2017 में बीजेपी का ही कब्जा था. बीजेपी इस मौके को गंवाना नहीं चाहेगी और सभी सीटों पर जीत हासिल करना चाहेगी. लोकसभा के उपचुनावों में जब बीजेपी को हार मिली थी तब योगी आदित्यनाथ पर सवाल खड़े किए गए थे. हालांकि 2019 में उन्होंने प्रचार में जान लड़ा दी और बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
अब देखना ये होगा कि विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी जीत हासिल कर पाएगी या फिर सपा और बसपा में से कोई बाजी मार लेगा. देखना होगा कि कांग्रेस क्या अपने पैरों पर खड़ी हो पाएगी या फिर बीजेपी एक बार फिर सभी अनुमानों को पलट देगी.