नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. यूपी भी इससे अछूता नहीं है. राज्य के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ जिसमें करीब 11 लोगों की जान चली गई. प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़ फोड़ की और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया. इस मामले को लेकर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपना लिया है. योगी ने ट्वीट कर कहा, ''नागरिकता कानून के मुद्दे पर गुमराह करके लोगों को हिंसा के लिए प्रेरित करना देशद्रोही कृत्य है. उपद्रवियों को चिन्हित कर लिया गया है. उपद्रवियों ने पब्लिक प्रॉपर्टी को जो भी नुकसान पहुंचाया है, हम उसकी वसूली उन उपद्रवियों की संपत्ति नीलाम करके करेंगें.''
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है. इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है.
यूपी में लगभग 400 लोग गिरफ़्तार
बता दें कि पूरे यूपी में लगभग 400 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. अकेले लखनऊ में 218 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इसके अलावा प्रदेश के अलग अलग ज़िलों में मिलाकर कई लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
वसूली नोटिस भेज कर लगाया जा रहा है जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में सरकारी संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाने वालों के ख़िलाफ़ योगी सरकार की क़ानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है. वसूली नोटिस भेज कर जुर्माना लगाया जा रहा है. जुर्माना नहीं देने वालों की संपत्ति कुर्क करने की भी तैयारी है.
31 जनवरी तक धारा 144 लागू
उत्तर प्रदेश में धारा 144 (निषेधाज्ञा) को बढ़ाकर 31 जनवरी तक किया गया है. बीते दो दिनों के तनाव को देखते हुए अभी भी 21 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बन्द है. जैसे-जैसे हालात सुधरते जाएंगे, वैसे-वैसे ज़िलाधिकारी अपने विवेक के आधार पर इंटरनेट सेवा शुरू कर सकते हैं.
यूपी के कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद
उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों में अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए इंटरनेट सेवा अस्थाई तौर पर बंद कर दी गयी है. आदेश के बाद लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, वाराणसी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बरेली, फिरोजाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, संभल, अमरोहा, मऊ, आजमगढ़ और सुल्तानपुर समेत कई बड़े शहरों में मोबाइट इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गयी है. लखनऊ और गाजियाबाद समेत कुछ शहरों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गयी है.
15 जिलों में तनाव का माहौल, सीएम योगी आदित्यनाथ बनाए हुए हैं नजर
यूपी में करीब 15 से ज्यादा ज़िलों में हिंसा हुई और अभी तनाव का माहौल है. सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. लखनऊ में पूर्व आईजी एसआर दारापुरी को भीड़ को उकसाने के आरोप मे गिरफ्तार किया गया है. पुलिस लगातार लोगों को चिन्हित करने की कोशिश कर रही है. संभव है जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां होंगी. इस पूरे घटनाक्रम पर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ नजर रखे हुए हैं.
लखनऊ हिंसा मामले में हुआ बड़ा खुलासा
लखनऊ में हुई हिंसा में पुलिस की जाँच में सामने आया है कि क़रीब पांच से सात हज़ार लोग बाहर के शहरों से यहां प्रदर्शन में शामिल होने आए थे. इसके अलावा वर्ग विशेष को भड़काने वाला एक पर्चा भी बांटा गया है. राष्ट्रीय जनवादी मोर्चा की ओर से छापे और बांटे गए इस पर्चे में तमामतथ्यहीन बातें लिखी गई हैं. यह भी कहा गया है कि एनआरसी में सरकार सभी के उँगलियों के निशान और रेटीना समेत सारा ब्यौरा ले लेगी. इसके बाद जब भी सरकार की नीतियों, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी आदि मुद्दों पर आप धरना-प्रदर्शन या विरोध में शामिल होंगे तो ड्रोन कैमरों के ज़रिए आपकी फ़ोटो खींच ली जाएगी. फिर रिकार्ड से मिलान करके कार्रवाई की जाएगी.
नागरिकता कानून: पूरे उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी तक धारा 144 लगाई गई, 21 जिलों में इंटरनेट बंद
Expalined: जानिए क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, कैसे यह NRC और CAA से अलग है