लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 जिलों में शुक्रवार मध्यरात्रि तक के लिए इंटरनेट सेवाओं बंद कर दिया है. हालांकि शुरुआत में राज्य के नौ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एक आदेश जारी किया कि शुक्रवार मध्यरात्रि तक 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.


रात 12 बजे तक इन जिलों में बंद रहेंगी इंटरनेट सेवाएं


जिन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद किया गया है, उनमें लखनऊ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, कानपुर, फिरोजाबाद, बरेली, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, मुजफ्फरनगर, संभल, शामली, वाराणसी, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ शामिल हैं.


इससे पहले सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के कारण लखनऊ में छह दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई थी और पिछले सप्ताह बुधवार रात को ही सेवा बहाल की गई थी.


इन जिलों और क्षेत्र में अन्य जगहों पर पुलिस और प्रशासनिक महकमा अलर्ट है. पिछले शुक्रवार को राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन के दौरान कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी.


संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी, पुलिस कर रही है फ्लैगमार्च


बता दें कि अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा रही है. जगह जगह फ्लैगमार्च किया जा रहा है. ज़िलों के वरिष्ठ अधिकारी मौलानाओं और मुस्लिम संगठनों के नेताओं से मुलाक़ात कर शांत रहने की अपील कर रहे हैं.


जुमे की नमाज को लेकर यूपी में सुरक्षा व्यवस्था चौकस


जिलों में आज यानि शुक्रवार को जुमे की नमाज होगी. खुफिया तंत्र ने फिर से उपद्रव के अंदेशे का इनपुट दिया है. ऐसे में पुलिस प्रशासन को अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा.


पूर्व आईपीएस समेत 46 लोगों को नोटिस


वहीं लखनऊ में हुई हिंसा के 46 आरोपियों की संपत्ति कुर्क किए जाने का नोटिस भेजा गया है. पुलिस ने सीसी फुटेज के आधार पर राजधानी में 46 उपद्रवियों की पहचान की, जिसके बाद उन्हें नोटिस भेजा गया. इसमें रिहाई मंच के मुहम्मद शोएब, कांग्रेस नेता सदफ जफर, पूर्व आईजी एस.आर.दारापुरी समेत कई अन्य लोग शामिल हैं. यह नोटिस हजरतगंज पुलिस द्वारा तैयार 46 बलवाइयों की सूची पर जिला प्रशासन ने जारी किया है.


यूपी में 20 से ज्यादा जिलों में हिंसा हुई थी


पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद यूपी में 20 से ज्यादा जिलों में हिंसा हुई थी. ऐसे में इस बार यूपी पुलिस के चुनौती है. जगह-जगह पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. इसके साथ ही जिलों के सीनियर अधिकारी मौलानाओं और मुस्लिम संगठनों के नेताओं से मिलकर शाति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.