कानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जारी प्रदर्शनों पर कहा है कि विरोधी महिलाओं को आगे कर रहे हैं और खुद रजाई ओढ़ कर सोए हैं. उन्होंने कानपुर में एक रैली में कहा, ''अब तो इन लोगों में इतनी भी हिम्मत नहीं रही कि ये लोग स्वयं आंदोलन करें. इन्हें मालूम है कि अगर तोड़फोड़ और आगजनी करेंगे तो प्रोपर्टी जब्त हो जाएगी. इन्होंने अब घर की महिलाओं को चौराहे-चौराहे पर बिठाना शुरू कर दिया है, बच्चों को बिठाना शुरू कर दिया है.''


योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, ''इतना बड़ा अपराध...पुरूष घर में रजाई ओढ़कर सो रहा है और महिलाओं को आगे करके चौराहे पर बैठाया जा रहा है. कितना लज्जाजनक है...कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के लिए. एक देश की कीमत पर राजनीति करना और दूसरा विरोध के लिए महिलाओं को आगे करना, जिन्हें मालूम ही नहीं है कि CAA क्या है? वे लोग धरने पर बैठे हैं. आप जब उनसे पूछेंगे कि आप धरने पर क्यों बैठे हैं तो वो कहेंगे कि घर के मर्द ने कहा है.''


मुख्यमंत्री CAA के समर्थन में एक रैली को संबोधित कर रहे थे और शायद उनका इशारा दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटा घर में हो रहे प्रदर्शनों की ओर था. दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से महिलाएं सीएए के खिलाफ धरने पर बैठीं हैं. यहां हर रोज नेताओं का जमावड़ा लग रहा है.


नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साधाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे प्रदर्शन के नाम पर उन महिलाओं एवं बच्चों को आगे कर रहे हैं जिन्हें सीएए के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है.


कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा . उन्होंने दावा किया, ‘‘ इनके (विपक्षी दलों के) लिये देश महत्तवपूर्ण नही है. इनके लिये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैनी और पारसी महत्वपूर्ण नहीं है. अब तो कांग्रेस के लिए इसाई भी महत्तवपूर्ण नहीं रहे. ’’


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