मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद अब उपद्रवियों के वीडियो वायरल हो रहे हैं. हिंसाग्रस्त जगहों पर चौराहे पर लगे सीसीटीवी में उपद्रवियों की करतूत कैमरे में कैद हो गई है. उपद्रवी हिंसा के दौरान इस कदर आक्रोशित थे कि जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी एकदम से सड़क पर आ गए थे, जिसके बाद मेरठ में हिंसा भड़क गई थी. लाखों की सरकारी संपत्ति का नुकसान कर दिया गया था.
अब हिंसा से जुड़े वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने दावा किया है कि इन्हीं उपद्रवियों की गोली से इन लोगों की मौत हुई है. फिलहाल मेरठ पुलिस ने इन वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है.
पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद यूपी में 20 से ज्यादा जिलों में हिंसा हुई थी. ऐसे में इस बार यूपी पुलिस के चुनौती है. जगह-जगह पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. इसके साथ ही जिलों के सीनियर अधिकारी मौलानाओं और मुस्लिम संगठनों के नेताओं से मिलकर शाति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.
एडीजी प्रशांकत कुमार ने बताया कि सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने के आरोप में अब तक 73 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 317 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 108 पुलिस वाले घायल हुए हैं. 10 अधिकरी सहित 7 लोगों और कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई हैं.
इस बीच पुलिस को पता चला कि हिंसा भड़काने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीआई) का हाथ है. मेरठ के थाना नौचंदी पुलिस ने गुरुवार को एसडीआई के प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन और उनके ड्राइवर मुईद हाशमी को गिरफ्तार किया. उनके पास से भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है.
मेरठ सहित आसपास के विभिन्न जिलों में आज यानि शुक्रवार को जुमे की नमाज होगी. खुफिया तंत्र ने फिर से उपद्रव के अंदेशे का इनपुट दिया है. ऐसे में पुलिस प्रशासन को अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा. सहारनपुर, बिजनौर व शामली में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद की जा चुकी हैं. वहीं मेरठ प्रशासन ने भी गुरुवार शाम के बाद से जिले में इंटरनेट बंद करने का निर्णय लिया है.
आरएएफ और पीएसी की तीन-तीन कंपनियों के अलावा 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. वहीं, पहली योजना शांति व्यवस्था बनाए रखने के प्रयासों की है. अगर योजना विफल रहती है तो उपद्रवियों से उनके ही तरीके से निपटा जाएगा.
सीएए के खिलाफ 20 दिसंबर को लिसाड़ी गेट व हापुड़ रोड पर उपद्रवियों ने जमकर पथराव, आगजनी और फायरिंग की थी. कई जगह भीड़ हिंसा पर उतारू थी. इस उपद्रव में कई लोगों की मौत हुई थी और काफी संख्या में लोग घायल हुए थे.