प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कथित पुलिस कार्रवाई के मामले में 17 फरवरी तक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने आंदोलन के दौरान कथित पुलिस ज्यादती के खिलाफ दाखिल अनेक जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया.


अदालत ने हिंसा में 23 प्रदर्शनकारियों की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तलब की. साथ ही मृतकों के परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा है कि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया जाए कि पुलिस के खिलाफ इन प्रदर्शनों के दौरान कितनी शिकायतें दर्ज की गयीं और कितने लोग मारे गए और कितने घायल हुए.


आगे की सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय करते हुए अदालत ने यह भी पूछा कि इस संबंध में मीडिया में आई खबरों की सत्यता की पड़ताल की गई है या नहीं. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले महीने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे. विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि पुलिस की बर्बरता से लोगों की मौत हुई है.


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