लखनऊ: अखिलेश यादव के बंगले के विवाद पर कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने इस विवाद को अखिलेश यादव को बदनाम करने की साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि चाहें कोई भी नेता हो, अखिलेश हों या फिर खुद वो, बंगला खाली करते समय ऐसी हरकत नहीं करेगा. उन्होंने सीएम के ओएसडी और प्रमुख सचिव का नाम इस विवाद में आने के मुद्दे पर कहा कि यह मामला अब पूर्व सीएम और वर्तमान सीएम का है, वे ही इसकी सच्चाई बता सकते हैं.
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बता दें कि अखिलेश यादव ने बंगला विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. वे जब मंच पर पहुंचे तो उनके दोनों हाथों में टोंटी थी. अखिलेश बोले,"मैं सरकार को टोंटी देने आया हूं." पत्रकारों ने पूछा - आप टोंटी कैसे देंगे ? क्या स्पीड पोस्ट से भेजेंगे ? अखिलेश ने कहा," आप लोगों ने मेरे घर का कोना कोना दिखाया है तो अब आप ही दिखाओ और बताओ."
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को घर ख़ाली करना पड़ा. यहां पूर्व सीएम को सरकारी बंगला देने का नियम रहा है. 2 जून को अखिलेश यादव ने 4 विक्रमादित्य मार्ग की कोठी ख़ाली कर दी. मीडिया रिपोर्ट में सरकारी घर में तोड़-फोड के आरोप से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ग़ुस्से में हैं.
अखिलेश ने कहा था कि जानबूझकर बंगले की गलत तस्वीरें खींची गई और उन्हें फैलाया गया. मैंने बंगले को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. अखिलेश ने कहा कि सरकार हमें गायब हुई टोटियों का हिसाब दे दें, मैं सारी टोटी वापस करने को तैयार हूं.
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उन्होंने कहा कि मैंने घर अपने पैसे और अपनी पसंद से बनवाया था, तो मैं अपना सामान लेकर चला गया. अखिलेश ने कहा,"रात के अंधेरे में सीएम के ओएसडी अभिषेक कौशिक और सचिव मृत्युंजय नारायण क्या करने गए थे, वे फ़ोन पर लगातार किस से बात कर रहे थे."
अखिलेश ने चुनौती देते हुए कहा था कि वहां लगे सामानों का या तो सरकार मुझे बिल दे या फिर हमारा सामान वापस करे. अखिलेश बोले कि सरकारी इनवेंट्री में अगर एक भी चीज गायब हो तो मुझे बताएं, मैं उसकी भरपाई करूंगा. मैं अपने साथ बस अपनी चीजें लेकर आया हूं. हमारी बहुत सी चीजें अब भी वहीं पड़ी हैं.