इलाहाबाद: अपने चौंकाने वाले बयानों से अक्सर ही सुर्ख़ियों में रहने वाले यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए सीएम योगी और उनकी पार्टी बीजेपी के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है.
उनका कहना है कि यूपी में आज भी जातीय राजनीति का ही दबदबा है और इसे अगले पचास सालों तक ख़त्म नहीं किया जा सकता है. यहां के लोग विकास के बजाय जाति को तरजीह देते हैं, लिहाजा विकास के नाम पर वोट मांगकर सरकार नहीं बनाई जा सकती है.
उन्होंने बीजेपी नेतृत्व को चौंकाने वाली नसीहत देते हुए कहा है कि सभी बड़ी जातियों को संतुष्ट करने के लिए हर छह महीने में सीएम बदल देना चाहिए. दस बड़ी जातियों के नेताओं को छह-छह महीने सीएम बनाकर इन जाति के वोटरों को अपने पक्ष में किया जा सकता है.
मंत्री राजभर ने सीएम योगी को लेकर सीधे तौर पर तो कोई बयान नहीं दिया, लेकिन छह-छह महीने के सीएम के फार्मूले को सामने रखकर उन्होंने इशारों में सीएम योगी पर ही निशाना साधा है.
राजभर ने कहा- दस जातियों के नेताओं को छह-छह महीने के लिए सीएम बनाएगी पार्टी
इलाहाबाद में मंत्री राजभर ने कहा कि बीजेपी के लिए यह कोई नई चीज भी नहीं होगी, क्योंकि वह मायावती के साथ छह-छह महीने के सीएम के फार्मूले पर पहले भी सरकार चला चुकी है. उन्होंने बेबाकी से कहा कि इस फार्मूले में अगर उन्हें भी सीएम बनने का मौका मिलेगा तो वह भी पीछे नहीं हटेंगे.
मंत्री राजभर के मुताबिक़ अगर भविष्य में कभी उनकी पार्टी यूपी में ताकत के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुई तो इसी फार्मूले पर दस जातियों के नेताओं को छह-छह महीने के लिए सीएम बनाएगी. उन्होंने जानकारी दी कि उनकी पार्टी छह छह महीने के सीएम फार्मूले को लेकर जल्द ही सभी मंडलों में कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसकी शुरुआत भी इलाहाबाद से ही होगी.
उन्होंने कहा कि तमाम जातियों के लोग आज भी सियासी नुमाइंदगी न होने की वजह से पिछड़े हुए हैं. उन्होंने खुलकर फिर से दोहराया कि बीजेपी ने 2017 के चुनाव में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य की वजह से पिछड़ों के वोट लेकर सरकार बनाई थी, लेकिन बाद में केशव को उनका सही हक़ नहीं दिया गया. उन्हें सिर्फ कास्ट बैलेंस करने के लिए डिप्टी सीएम बनाया गया है.