पटना: कोरोना वायरस ने दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है. पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. जिसकी वजह से दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई है.
केस स्टडी
बिहार के आरा से जमुई यानि तकरीबन चार सौ किलोमीटर दूरी तय करने निकले तीन व्यक्तियों को देखिए. इनमें से एक शख्स तो पैरों से लाचार है. इनमें से एक अशोक यादव आरा में किसी मिठाई की दुकान में काम करते थे. अशोक यादव का कहना है कि मिठाई दुकानदार के मालिक ने उन्हें साफ कह दिया कि लॉकडाउन के चलते दुकान बंद है इसलिए अब वो उन्हें रख नहीं सकते.
इसलिए अशोक ने लाचार होकर अपने रिक्शा चालक साथी सुरेंद्र मोदी और उसके बेटे सोनू के साथ अपने घर जाना मुनासिब समझा और वह सुबह पांच बजे 400 किलामीटर दूर अपने गांव की ओर निकल पड़े.
वहीं एबीपी न्यूज़ की टीम आपदा राहत केंद्र पर पहुंची. वहां कुछ लोग पहले से थे. ये तीनों शख्स भी वहां मौजूद थे. इसी बीच केंद्र पर सुनील कुमार सिन्हा मिले. वह पटना जंक्शन पर कपड़ा बेचते थे. रोज ठेले पर कपड़ा बेचकर गुजर बसर करते थे.
लॉकडाउन के बाद वह बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने बताया कि वह दो दिन से भूखे हैं. वहीं जैसे ही खाना मिलने का एलान हुआ वह खाना खाने के लिए बैठ गए. इस दौरान उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे.
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