लखनऊ: स्पेशल सीबीआई कोर्ट में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, सांसद विनय कटियार, साध्वी रितंभरा और विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ 26 मई को आरोप तय करेगी. यह आरोप 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को ध्वस्त किये जाने में षड्यंत्र करने को लेकर तय किए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को सीबीआई कोर्ट से कहा था कि वह इस मामले में आरोपियों के खिलाफ षडयंत्र के आरोप भी जोडे. विशेष अदालत ने महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदान्ती, बैकुण्ठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डा सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय करने की तारीख कल 25 मई के लिए तय की है.
इससे पहले प्रधान अदालत के समक्ष पेश हुए और उन्हें जमानत मिल गई है. अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के बाद दो एफआईआर दर्ज की गयी थीं. एक एफआईआर थाना प्रभारी प्रियवंद नाथ शुक्ला की ओर से राम जन्मभूमि थाने में दर्ज करायी गयी थी. दूसरी एफआईआर गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज करायी थी.
जांच के बाद सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार किये थे. इनमें से 13 आरोपी मुकदमा शुरू होने से पहले ही बरी हो गये. सीबीआई ने उन्हें बरी किये जाने के फैसले का पहले उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में विरोध किया था.
इस बीच लखनऊ की सीबीआई अदालत में 28 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई. छह आरोपियों का निधन हो चुका है. आडवाणी और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ रायबरेली की अदालत में मामला शुरू हुआ. इन आठ आरोपियों में से अशोक सिंघल और गिरिराज किशोर का निधन हो चुका है.
उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल को रायबरेली की अदालत से मामला लखनऊ की अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया और कहा है कि मुकदमे पर फैसला दो साल के भीतर किया जाए.