पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड में सीबीआई की जांच रिपोर्ट के आधार पर कई जिलों के डीएम और नीचे के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है. सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर जिलों से रिपोर्ट आना शुरू हो गया है. बिहार के अपर मुख्य सचिव अमीर सुब्हानी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि " जिलों से रिपोर्ट आ रही है. एक रिपोर्ट करीब दो हजार पन्नों की है. इन सभी का पढ़ा जाएगा. पढ़ने के बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा."


बताया जा रहा है कि सीबीआई ने मुजफ्फरपुर समेत 16 जिलों में तैनात रहे डीएम के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई करने की मांग की है. डीएम के अलावा 40 से अधिक पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.


क्या है मामला-


2017 में बिहार सरकार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से बिहार के 17 जिलों में चल रहे शेल्टर होम की स्टडी करायी थी. इस सर्वे में अनियमितता और सेक्सुअल एब्यूज की रिपोर्ट सामने आई थी. इसी बीच मुजफ्फरपुर में लड़कियों के एक शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों ने सेक्सुअल एब्यूज करने और रेप करने की शिकायत की थी. मामला सामने आने के बाद इस पर काफी हंगामा हुआ. आरोपी ब्रजेश ठाकुर को जेल भेजा गया. साथ ही सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया. सीबीआई ने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपी.


मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के खुलासे के बाद बाकी 16 जिलों की भी रिपोर्ट बनाई गई क्योंकि डीएम ही शेल्टर होम के लिए जिम्मेदार होते हैं. इस मामले में डीएम के खिलाफ रिपोर्ट दिया गया. अब सरकार के पास जैसे रिपोर्ट आएगी उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के आधार पर एसओपी यानि स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिड्यूर नहीं लागू करने के आरोप लगे हैं. कई जिलों में तो शेल्टर होम देखने के लिए कमेटी भी नहीं बनाई गई थी.


इस मामले में सरकार को ही निर्णय लेना होगा. 2014 से लेकर 2017 तक 16 जिलों में जो डीएम रहे होंगे उनपर कार्रवाई संभव है. जो आरोप लगे हैं अगर वो सही पाए गए तो उस अधिकारी के प्रमोशन में दिक्कत होगी. अधिकारी या पदाधिकारी की संवेदनशील जगहों पर पोस्टिंग नहीं कि जाएगी. इसके अलावा अधिकारी के इंक्रीमेंट में भी दिक्कतें आ सकती है.


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