नई दिल्ली: सीबीआई मुजफ्फरपुर जिले के शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों से हुई कथित तौर पर रेप के मामले में फॉरेंसिक जांच कराएगी. मामले में आश्रय गृह के कर्मियों पर ही वहां रह रही लड़कियों के साथ रेप करने का आरोप लगा है. अधिकारियों ने इस बारे में आज जानकारी दी.


अधिकारियों ने बताया कि सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही मुजफ्फरपुर जाकर आश्रय गृह से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा करेगी और इसके बाद उसे जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा. सीबीआई को इस जांच से मुकदमे को सुलझाने में मदद मिलने की उम्मीद है.


अधिकारियों ने बताया कि पीड़िताओं के बयानों का इस्तेमाल कर यह समझने की कोशिश की जाएगी कि अपराध को कैसे अंजाम दिया गया और फिर इस ब्योरे का इस्तेमाल आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया जाएगा. सीबीआई पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए मनोवैज्ञानिकों की भी मदद ले सकती है.


कुछ पीड़िताओं की उम्र महज छह- सात साल है. बिहार सरकार द्वारा वित्तपोषित एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर के आश्रय गृह में अभी तक 34 लड़कियों से रेप की पुष्टि हुई है. सीबीआई उन डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के भी बयान दर्ज करेगी और उनसे एवीडेंस इकट्ठा करेगी जिनकी सेवाएं पुलिस ने अपनी जांच के दौरान ली थी.


कैसे सामने आया ये मामला


मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक रिपोर्ट से मामले का खुलासा हुआ था. इस रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि आश्रय गृह में रह रही लड़कियों के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म हुआ है. इस मामले में बीते 31 मई को ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


विपक्षी दलों की मांग के बाद मामले को सीबीआई जांच के लिए भेजा गया था. सीबीआई ने मामले को अपने हाथों में लेने के बाद एफआईआर दर्ज किया और घटना की जांच शुरू की.