लखनऊ: योगी सरकार ने देवरिया में महिला संरक्षण गृह से लड़कियों के ग़ायब होने की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं. आरोप है कि यहां की लड़कियों के साथ यौन शोषण भी हुआ. अब तक इस मामले में संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी समेत आठ लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले साल जुलाई महीने में ही संरक्षण गृह को बंद हो जाना चाहिए था. लेकिन देवरिया ज़िला प्रशासन ने इसकी अनदेखी की. महिला और बाल कल्याण विभाग से बार बार चिट्ठी भेजे जाने के बावजूद देवरिया के डीएम सुजीत कुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसीलिए उन्हें सोमवार को ही हटा दिया गया था.


जांच रिपोर्ट पर तीन घंटे तक मंथन के बाद लिया गया फैसला


महिला और बाल कल्याण विभाग की अप्रैल मुख्य सचिव रेणुका कुमार और एडीजी अंजू गुप्ता की जांच रिपोर्ट पर तीन घंटे तक मंथन हुआ. सीएम योगी आदित्यनाथ और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी बैठक में शामिल हुए. चीफ़ सेक्रेटरी अनूप चंद्र पांडे और डीजीपी ओ पी सिंह को भी बुलाया गया था. मीटिंग में मां विंध्यवासिनी समिति के काम काज पर चर्चा हुई. यही समिति देवरिया में दो जगहों पर महिला और बाल संरक्षण गृह चलाती है.


पिछले साल ही इस संरक्षण गृह को बंद कराने के आदेश दिए गए थे


पालना गृह में हुए घोटाले के बाद पिछले साल इस संरक्षण गृह को बंद कराने के आदेश दिए गए थे.लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 30 जुलाई को विंध्यवासिनी समिति के संचालक के ख़िलाफ़ मुक़दमा भी हो गया था. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इन सारे मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एडीजी क्राइम संजय सिंहल को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवरिया में संरक्षण गृह बंद होने के बाद वहां रह रही लड़कियों को वाराणसी भेज दिया जाएगा.


ग़ायब 18 में से एक लड़की गोरखपुर से बरामद हुई है


देवरिया में बालिका संरक्षण गृह 2009 से ही चल रहा था. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर पिछली सरकारों ने ध्यान दिया होता तो ये नौबत ही नहीं आती. सीएम ने आरोप लगाया कि लड़कियों के कल्याण के नाम पर लूट मचाने वालों आज छाती कूट रहे हैं. देवरिया मामले में बालिका संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी के गोरखपुर में चल रहे ओल्ड एज होम को भी सील कर दिया गया है. ग़ायब 18 में से एक लड़की गोरखपुर से ही बरामद हो गई है. देवरिया बालिका संरक्षण गृह से भाग कर महिला थाने पहुंची लड़की ने ही गड़बड़ियों की पोल खोली थी. उसने पुलिस को बताया था कि रात के अंधेरे में बजी बजी गाड़ियां आती थीं. जिसमें लड़कियों को बाहर भेजा जाता था. सवेरे वे रोते हुए लौटती थीं.