उन्नाव गैंगरेप की सीबीआई करेगी जांच, आरोपी विधायक के खिलाफ दर्ज होगी FIR
योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है. इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आरोपी के रूप में शामिल है.
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात उन्नाव बलात्कार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है. इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम आरोपी के रूप में शामिल है. ये फैसला ऐसे समय पर आया है जब कुलदीप सेंगर ने समर्पण करने से मना कर दिया है.
बता दें कि बुधवार रात को सेंगर एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे. उस समय कयास लगाया जा रहा था कि सेंगर समर्पण करेंगे लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया और वापस लौट आए. सेंगर ने कहा कि मैं एसएसपी दफ्तर ये बताने आया था कि मैं भगोड़ा नहीं हूं.
18 वर्षीय लड़की से बलात्कार के मामले में विधायक कुलदीप सिहं सेंगर की गिरफ्तारी की बढ़ती मांग के बीच राज्य सरकार ने विधायक और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी फैसला किया है. प्रधान सचिव ( सूचना ) ने कहा , ‘‘विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार के आरोपों पर विचार करते हुए उचित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी.’’
पीड़िता के पिता की मौत की भी जांच करेगी सीबीआई
सरकार ने पीड़िता के पिता की मौत की जांच भी सीबीआई से कराने का फैसला किया है. प्रधान सचिव ने कहा कि पीड़िता के पिता की मौत से संबधित घटनाओं की जांच भी सीबीआई को सौंपी जाएगी. ये फैसला विशेष जांच टीम(एसआईटी) की रिपोर्ट के बाद लिया गया है. इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लखनऊ जोन ) की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई थी.
वहीं सेंगर बुधवार देर रात अचानक लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक(एसएसपी) के आवास के बाहर दिखे. खबर थी कि वह आत्मसमर्पण करेंगे लेकिन वह बिना आत्मसमर्पण के ही समर्थकों के साथ निकल लिए. सेंगर ने कहा, "मैं यहां मीडिया के सामने आया हूं. मैं भगोडा नहीं हूं. मैं यहां राजधानी लखनऊ में हूं." बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ से रवाना होने के कुछ ही देर बाद सेंगर एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे.
इसके साथ ही योगी सरकार ने उन्नाव जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर भी गाज गिरी है, जिन पर पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप है.
इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी सफीपुर, कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिए गए हैं. शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी. एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने ये फैसले किए हैं. इसके साथ ही सरकार पीड़िता के परिवार को सुरक्षा भी उपलब्ध कराएगी.