बीजेपी MLA आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा, कहा- मुझे अपने किए पर कोई अफसोस नहीं
सरकारी अधिकारी को बैट से मारने के बाद रिहा हुए बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैंने जो किया उसका कोई अफसोस नहीं है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें.
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इंदौर: इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बल्ले से पीटने के बहुचर्चित मामले में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को आज सुबह जिला जेल से रिहा किया गया. भोपाल की एक विशेष अदालत ने शनिवार शाम को दो मामलों में उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी. जमानत के बाद बीजेपी समर्थकों ने जश्न मनाया, उनके समर्थन में पोस्टर लगाए. इसी दौरान आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने उनके दफ्तर के बाहर हर्ष फायरिंग की.
Madhya Pradesh: Celebratory firing outside BJP MLA Akash Vijayvargiya's office in Indore after he got bail in an assault case. (29-06) pic.twitter.com/d1j2d03hLY
— ANI (@ANI) June 30, 2019
'अफसोस नहीं' आज जेल से रिहा होने के बाद आकाश ने कहा कि मैंने जो किया उसका कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा, ''ऐसी स्थिति में जब पुलिस के सामने एक महिला को घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था, मैंने जो किया उसका अफसोस नहीं है. लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें.''
जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, "हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश शनिवार रात 11 बजे के आस-पास मिला. तय औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें रविवार सुबह जेल से छोड़ दिया गया."
चतुर्वेदी ने बताया, "शनिवार को लॉक-अप के शाम सात बजे के नियत समय तक हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश नहीं मिला था. लिहाजा जेल नियमावली के मुताबिक हम उन्हें शनिवार रात रिहा नहीं कर सकते थे." उन्होंने बताया कि विजयवर्गीय जिला जेल में न्यायिक हिरासत के तहत बुधवार देर शाम से बंद थे.
जेल शब्दावली के मुताबिक नियमित गिनती के बाद कैदियों को कारागार के भीतरी परिसर से दोबारा कोठरी में भेजकर बंद किये जाने को "लॉक-अप" करना कहा जाता है. आकाश (34) बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद बीजेपी विधायक ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बल्ले से पीट दिया था.
कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया था. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बीजेपी विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया गया था.
न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद रहने के दौरान बीजेपी विधायक को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विजयवर्गीय की अगुवाई में चार जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था, लेकिन इस प्रदर्शन के लिये प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी.
उन्होंने बताया कि इस पर विजयवर्गीय और बीजेपी के अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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