नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी
दिल्ली के मौजूदा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से करीब 80 किलोमीटर दूर जेवर में नया एयरपोर्ट बनाने की योजना प्रस्तावित है. नए हवाई अड्डे की सालाना क्षमता 7 करोड़ की होगी. इसके बन जाने के बाद लोगों को यहां से भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने की सुविधा मिलेगी.
लखनऊ: दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ जैसे तमाम शहरों में रहने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है. दरअसल गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जेवर में प्रस्तावित नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. इसके 2022 तक चालू हो जाने की संभावना है. चार चरणों में इस पर लगभग 15,754 करोड़ रुपए निवेश किया जाएगा.
दिल्ली के मौजूदा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से करीब 80 किलोमीटर दूर जेवर में नया एयरपोर्ट बनाने की योजना प्रस्तावित है. नए हवाई अड्डे की सालाना क्षमता 7 करोड़ की होगी. इसके बन जाने के बाद लोगों को यहां से भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने की सुविधा मिलेगी.
बता दें कि...
नोएडा से जेवर की दूरी करीब 57 किलोमीटर है. गाजियाबाद से जेवर की दूरी 73 किलोमीटर है. अलीगढ़ से जेवर की दूरी करीब 83 किलोमीटर है.
एकदम नए सिरे से विकसित (ग्रीनफील्ड परियोजना) किए जाने वाले इस एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेजा था, जिसे कल दिल्ली में संचालन समिति की बैठक में औपचारिक रुप से सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई.
इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से प्रमुख सचिव नागर विमानन एस. पी. गोयल और यमुना एक्सप्रेस वे के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह, विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) एस. के. भाटिया शामिल हुए.
2017 में शुरू हो गया था इस पर काम
नागर विमानन विभाग के निदेशक एवं विशेष सचिव सूर्यपाल गंगवार ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री और राज्य मंत्री से मुलाकात कर इस परियोजना पर अप्रैल 2017 से ही कार्य प्रारंभ कर दिया गया था, और अब इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है.
कम हो जाएगा आईजीआई एयरपोर्ट का बोझ
उन्होंने कहा कि छह जुलाई 2017 को केंद्र सरकार की संचालन समिति (स्टीयरिंग कमेटी) ने इस परियोजना के लिए निर्माण स्थल को मंजूरी दी थी. उल्लेखनीय है कि इस हवाइअड्डे का एक मकसद दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाइअड्डे का बोझ कम करना और आकस्मिक समय में उसके विकल्प के तौर पर उपयोग करना भी है.
किया जाएगा 15,754 करोड़ रुपए का निवेश
गंगवार ने कहा कि परियोजना रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए कुल आठ गांव की 1,441 हेक्टेअर भूमि की खरीद या अधिग्रहण किया जाना प्रस्तावित है. इस पर कुल चार चरणों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर लगभग 15,754 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना संभावित है.
2022 तक शुरु होने की संभावना
एयरपोर्ट पर शुरुआती चरण में दो रनवे बनाए जाएंगे और इस पर 2022 तक संचालन शुरु हो जाने की संभावना है. इस एयरपोर्ट की संभावित यात्री क्षमता सात करोड़ यात्री प्रति वर्ष और कार्गो की संभावित क्षमता 30 लाख टन प्रतिवर्ष है.