सहारनपुर: मायावती ने चंद्रशेखर रावण के बुआ कहने पर ऐतराज़ जताया है. रावण से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने बात को टालने की कोशिश की. उन्होंने कहा,"मेरी तबियत खराब है और एक-दो दिन मैं इस पर कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं."


चंद्रशेखर ने कहा,"मैंने उनका भाषण सुना ही नहीं है. बिना सुने कैसे जवाब दूंगा. उन्होंने सही कहा है, बीएसपी से हमारे कोई रिश्ते नहीं हैं. मैं तो सामाजिक संगठन चलाता हूं और बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है. ये तो मैं भी कह रहा हूं कि संबंध नहीं हैं."

उन्होंने कहा,"मायावती हमारे समुदाय से हैं, बुआ हैं हमारी, देखिए संबंध विच्छेद हो सकते हैं, बहन-भाई में हो जाते हैं. रिश्ते तो नहीं बदल सकते हैं. सामाजिक काम कर रहे हैं हम और ये करते रहेंगे, बहुजन जाति को जोड़ना है हमें."

चंद्रशेखर रावण के 'बुआ' कहने पर मायावती ने जताया ऐतराज़, कहा- ऐसे लोगों से कोई संबंध नहीं

रावण ने जेल से रिहा होने के बाद कहा था कि मायावती के साथ उनके खून के रिश्ते हैं. उन्होंने कहा था,"वे मेरी बुआ हैं. उन्होंने समाज के लिए बहुत संघर्ष किया है. वे दलितों की लड़ाई लड़ रही हैं. मैं उनके पक्ष में हूं, उनके खिलाफ जाने की मैं सोच भी नहीं सकता हूं."

इसके बाद मायावती ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा,"मैं देख रही हूं कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ में तो कुछ लोग अपने बचाव में और कुछ लोग खुद को नौजवान दिखाने के लिये कभी मेरे साथ भाई-बहन का तो कभी बुआ-भतीजे का रिश्ता जोड़ रहे हैं. पिछले दिनों एक शख्स जेल से बाहर आया है. वह मुझे बुआ कहने की कोशिश कर रहा है. मैं कभी भी इस तरह के लोगों से कोई संबंध नहीं रख सकती हूं."

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि अगर ऐसे लोग वाकई पिछड़ी जातियों के हितैषी होते तो अपना संगठन बनाने की बजाये बीएसपी से जुड़ते. बता दें कि मई 2017 में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गए भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को 14 सितम्बर को रिहा किया गया था.