चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग पर सीएम नीतीश ने इसरो के वैज्ञानिकों को दी बधाई, कहा- ये पूरे देश के लिए गर्व की बात
नीतीश कुमार ने कहा कि ये पूरे देश के लिए गर्व की बात है. ये इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है. चंद्रयान 2 को चांद तक पहुंचने में 48 दिन लगेंगे. यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरेगा. इस यान के उतरने के बाद वैज्ञानिकों को चांद के कई रहस्यों के बारे में जानकारी मिलेगी.
नई दिल्ली: Chandrayaan-2 के जरिए भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और इतिहास रच दिया है. मिशन चंद्रयान की लॉन्चिंग नीयत समय 2.43 मिनट पर हुई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके सफल परीक्षण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि ये पूरे देश के लिए गर्व की बात है. सीएम के कार्यालय की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण कर इसरो ने अंतरिक्ष में नया इतिहास रच दिया है. यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है. यह इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं.
जानें इस मिशन की खासियतें
चंद्रयान 2 मिशन अपने साथ भारत के 13 पेलोड और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का भी एक उपकरण लेकर जाएगा. 13 भारतीय पेलोड में से ओर्बिटर पर आठ, लैंडर पर तीन और रोवर पर दो पेलोड और नासा का एक पैसिव एक्सपेरीमेंट (उपरकण) होगा. इस मिशन का कुल वजन 3.8 टन होगा. यान में तीन मॉड्यूल होंगे, जिसमे ऑर्बिटर, लैंडर जिसका नाम विक्रम दिया गया है और रोवर जिसका नाम प्रज्ञान दिया गया है. चंद्रयान 2 को चांद तक पहुंचने में 48 दिन लगेंगे.
चंद्रयान 2 को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहला ऑर्बिटर है, जो चांद की कक्षा में रहेगा. दूसरा लैंडर है जिसका नाम विक्रम है ये चांद की सतह पर उतरेगा और तीसरा हिस्सा है प्रज्ञान जो कि रोवर है, ये चांद की सतह पर घूमेगा. चंद्रयान-2 करीब 3 लाख 84 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद चंद्रमा पर उतरेगा. इसे चंद्रमा पर उतरने में करीब 48 दिन लगेंगे. यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरेगा. इस यान के उतरने के बाद वैज्ञानिकों को चांद के कई रहस्यों के बारे में जानकारी मिलेगी.