नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में इस्कॉन द्वारा बनाए जा रहे 70 मंजिला मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने की मांग करते हुए गुरुवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में एक याचिका दायर की गई. याचिका में कहा गया है कि इस ऊंचे मंदिर के निर्माण से भूजल का स्तर गिर जाएगा और पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा.

याचिका स्वीकार करते हुए एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने इस्कॉन और केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को नोटिस जारी करते हुए 31 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

मंदिर निर्माण को अवैध करार देते हुए याचिका में कहा गया है कि धार्मिक पर्यटन का झूठा बहाना बनाया जा रहा है और इस निर्माण से यमुना नदी की स्थिति और खराब हो जाएगी.

इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कंशसनेस (इस्कॉन) द्वारा निर्माणाधीन वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का लक्ष्य दुनिया में सबसे ऊंची धार्मिक इमारत बनाने का है. इस मंदिर की आधारशिला 16 नवंबर 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रखी थी.

मणिकेश चतुर्वेदी द्वारा दायर याचिका में मंदिर का निर्माण कार्य तत्काल रोकने की मांग की गई है. उन्होंने दावा किया है कि निर्माणाधीन मंदिर की जमीन वृंदावन नगरपालिका की विवादित जमीन है.

याचिका में कहा गया है कि मंदिर परिसर में एक कृत्रिम नदी बनाया जाना प्रस्तावित है. इसके लिए जल का दोहन भूमि से किया जाएगा जो भूमिगत जल के स्तर को और घटाएगा और जिसका असर यमुना पर पड़ेगा. मंदिर का निर्माण 62 एकड़ भूमि में किया जा रहा है, जिसमें मंदिर की संरचना पांच एकड़ भूमि पर खड़ी होगी.