नसीरूद्दीन शाह की बहनों के साथ ठगी, बीजेपी MLC के पति समेत आठ पर रुपये हड़पने का आरोप
दौराला पुलिस थाने में बीजेपी विधानपार्षद डॉ. सरोजनी अग्रवाल के पति और उनकी बेटी समेत आठ लोगों पर समाजवादी आवास योजना के तहत फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने और लाखों रुपये हड़पने का मामला दर्ज किया गया है.
मेरठ: दौराला पुलिस थाने में बीजेपी विधानपार्षद डॉ. सरोजनी अग्रवाल के पति और उनकी बेटी समेत आठ लोगों पर समाजवादी आवास योजना के तहत फ्लैट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने और लाखों रुपये हड़पने का मामला दर्ज किया गया है. दौराला थाने के एसएसआई धारा सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश पर एमएलसी सरोजनी अग्रवाल के पति डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल, बेटी डॉ. नीमा अग्रवाल, मेरठ के रहने वाले सिल्वर सिटी कंपनी के डायरेक्टर रवि रस्तोगी, शास्त्री नगर निवासी अनुराग गर्ग, आलोक रस्तोगी, पूनम प्रताप, अखिलेश कुमार और मनमोहन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 323, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में जांच जारी है.
डॉ सरोजिनी अग्रवाल के पति और बेटी ने समाजवादी आवास योजना शुरू की थी. इस योजना के निवेशकों से करोड़ों रूपये ठग लिये गये और योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. पुलिस के हाथ खड़े करने के बाद निवेशक अदालत गये और आरोपियों पर केस दर्ज कराये हैं.
सिने अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की दो बुजुर्ग बहनें भी ठगी और धोखाधड़ी का शिकार हुई है. नसीरूद्दीन शाह की 65 साल की चचेरी बहिन अमीना शाह स्वास्थ्य विभाग से रिटायर कर्मी हैं और मेरठ के पल्लवपुरम् में रहती हैं. उनकी बड़ी बहिन इशरत सुल्ताना 70 साल की हैं और शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं. दोनों ने अपने बुढ़ापे के लिए 3 साल पहले एक सस्ते आशियाने की तलाश की और प्रोजेक्ट में निवेश कर दिया.
अमीना शाह बताती है कि यह प्रोजेक्ट एमएलसी डॉ सरोजिनी अग्रवाल के पति डॉ ओपी अग्रवाल और उनकी बेटी डॉ नीमा अग्रवाल का था. प्रोजेक्ट में कन्स्ट्रक्शन की जिम्मेवारी आरवंश कलर सिटी नाम की कंपनी को दी गई थी. डॉ सरोजिनी उस वक्त सपा से एमएलसी थी. प्रदेश में सरकार बदली तो डॉ सरोजिनी ने पार्टी बदल ली और बीजेपी से एमएलसी हो गईं.
अमीना शाह ने 3.03 लाख रूपये, उनकी बहन इशरत सुल्ताना ने पौने दो लाख रूपये और उनकी भतीजी मेहरू जिया ने 5.12 लाख रूपये सस्ता और सरकारी मकान पाने की चाहत में प्रतीक बिल्डकॉम में निवेश किया था. 2016 में गाजे-बाजे के साथ शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को प्रदेश में नई सरकार आने से पहले ही बंद कर दिया गया. इस योजना में ठगी का शिकार बने पीड़ितों की संख्या करीब साढ़े चार सौ है.
पुलिस ने जब इस ठगी और धोखाधड़ी के मामले में पीड़ितों से मिली शिकायतों पर कोई केस दर्ज नहीं किया तो पीड़ित कोर्ट गये. धारा 156 (3) के तहत डॉ सरोजिनी के पति और बेटी समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज होना शुरू हुए. दौराला थाने में 9 नये केस दर्ज होने के बाद इस मामले में मुकदमों की संख्या 30 हो चुकी है. दौराला थाना प्रभारी का कहना है कि सभी मामलों में जांच जारी है. जल्द ही कार्रवाई होगी.
पुलिस के अनुसार करीब चार साल पहले तत्कालीन सपा सरकार में दौराला-लावड़ मार्ग स्थित कलर सिटी कंपनी ने समाजवादी आवासीय योजना के तहत फ्लैट बनाना शुरू किया था. इसका शुभारंभ सपा सांसद तेज प्रताप सिंह ने किया था.
मेरठ के प्रभारी एसपी सिटी संजीव कुमार वाजपेई ने बताया कि केस दर्ज किये गये हैं और विवेचना चल रही है. विवेचनाधिकारी को पुख्ता सबूत इकठ्ठे कर जल्द ही चार्जशीट फाइल करने के निर्देश दिये गये हैं. कार्रवाई जल्द ही होगी.
इस संबंध में एमएलसी डॉ. सरोजनी अग्रवाल के प्रतिनिधि डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि डॉ. सरोजनी अग्रवाल और उनके परिवार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और यह राजनीतिक साजिश है.
बीजेपी एमएलसी डॉ सरोजिनी अग्रवाल ने बताया के उनके पति की कंपनी प्रतीक बिल्डकॉन के पास जमीन थी. आरवंस कलर सिटी से उनका एमओयू हुआ था. आरवंस कलर सिटी ने उनके नाम और जमीन का इस्तेमाल करके निवेशकों से पैसा लिया और फिर प्रोजेक्ट बनाने से हाथ खड़े कर दिए. इस मामले में 27 अप्रैल 2018 को मेरठ में ही एक मुकदमा आरवंस कलर सिटी के प्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज कराया गया है. हम आरोपी नहीं पीड़ित हैं और खुद पुलिस से इंसाफ की गुहार कर रहे हैं.