नई दिल्ली: केंद्र सरकार की नई दवा नीति के विरोध में देशभर के नौ लाख दवा व्यापारी मंगलवार को एक दिन की हड़ताल पर रहे. इस दौरान दवाएं न मिलने से मरीज औऱ उनके परिजन काफी परेशान हुए. व्यापारियों का कहना है कि जब दवा ऑनलाइन बेची जाएगी तो लाखों केमिटस्टों की रोजी-रोटी छिन जाएगी.


''...तो छिन जाएगी लाखों केमिटस्टों की रोजी-रोटी''


खुदरा दवा औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष संदीप नांगिया ने कहा कि जब दवा ऑनलाइन बेची जाएगी तो लाखों केमिटस्टों की रोजी-रोटी छिन जाएगी. ऑनलाइन दवा बिक्री कराने वाले ठेकेदारों से सांठगांठ कर केंद्र सरकार ने जो नीति बनाई है, वह जनविरोधी है. इस नीति के खिलाफ मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल रखी गई, जो पूरी तरह सफल रही. उन्होंने कहा, "मरीजों को दवा नहीं पाई, इससे लोग परेशान हुए. इसका हमें भी अफसोस है, मगर इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है."


दवा व्यापारियों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने दवा कारोबार करने के लिए जो नियम, कानून बनाए हैं, उससे दवा का कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा. दवा कारोबारी आर्थिक संकट से जूझेंगे और बेरोजगारी बढ़ेगी. इसके अलावा आम लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी."


'...तब तक दवा कारोबारी जारी रखेंगे आंदोलन'


कारोबारियों ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक अपनी दमनकारी नीतियों में संशोधन नहीं करती है, तब तक दवा कारोबारी आंदोलन जारी रखेंगे. इस मौके पर देश के हर शहर में दवा कारोबारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा.


हापुड़ से आए केमिस्ट एंड ड्रेग्सिट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि मेडिकल कारोबारियों की मुसीबत बढ़ने के साथ-साथ मरीजों की भी दिक्कतें बढें़गी. कारोबारियों के लिए बनाए गए नए नियमों को तुरंत बदला जाना चाहिए.


दवा कारोबारियों की हड़ताल होने से काफी लोग दवाओं के लिए भटकते रहे. वैसे अस्पतालों के अंदर जो मेडिकल स्टोर संचालित है, वह बंदी से दूर रखे गए, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो. इसके बाबजूद सुबह से लेकर शाम तक काफी लोग दवा खरीदने के लिए भटकते नजर आए.


नई नीति के विरोध में हड़ताल पर दवा व्यापारी, इलाहाबाद में जबरदस्त असर


ऑनलाइन दवा बेचे जाने को केंद्र सरकार से वैधता मिल जाने से चिंतित दवा कारोबारियों ने मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल रखी. इलाहाबाद में भी दवा व्यापारियों की इस हड़ताल का जबरदस्त असर दिखाई दिया. यहां थोक और फुटकर सभी दुकानें पूरी तरह बंद रहीं.


इस दौरान इलाहाबाद के हड़ताली दवा व्यापारी जगह-जगह प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे और केंद्र सरकार से नई दवा नीति को वापस लिए जाने व ई पोर्टल सिस्टम को ख़त्म किये जाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि हड़ताल की वजह से मरीजों और उनके तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दवाएं नहीं मिलने से लोगों को दर- दर भटकना पड़ रहा है. हड़ताली व्यापारियों का आरोप है केंद्र सरकार विदेशी ताकतों के दबाव में उनके रोजगार को ख़त्म कर देना चाहती है.


जानें क्या हैं उनकी मांगे ?


आपको बता दें कि ई पोर्टल समेत तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर देश भर के दवा व्यापारी मंगलवार को अपना कामकाज ठप्प कर हड़ताल पर रहे. व्यापारियों की यह देश व्यापी हड़ताल केंद्रीय ई पोर्टल की व्यवस्था को खत्म करने, केंद्रीय दवा क़ानून में बदलाव किये जाने, व्यापारियों का शोषण बंद किये जाने, रिन्यूवल फीस की बढ़ोत्तरी को खत्म किये जाने जैसी मांगों को लेकर है. व्यापारियों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो वह बेमियादी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे.